रूस को क्यों है भारत की जरूरत?
16 April 2024
टेस्ला की कारों के लिए सेमीकंडक्टर चिप बनाएगी टाटा।
16 April 2024
25 मार्च 2022. यह वह दिन था, जिस दिन 3 वर्ष से बहुप्रतीक्षित, निर्देशक एस एस राजामौली द्वारा निर्देशित ‘रौद्रम रणम रुधिरम’ यानी RRR आखिरकार सिनेमाघरों में आने को तैयार थी. ये फिल्म तो वैसे प्रारंभ में जुलाई 2019 में प्रदर्शित होती, परंतु पहले प्रोडक्शन संबंधी समस्या और फिर कोविड ...
RRR at Oscars 2023: बैटमैन की बहुचर्चित फिल्म ‘द डार्क नाइट’ में एक संवाद बहुत चर्चित है, “इफ यू आर गुड एट समथिंग, नेवर डू इट फॉर फ्री! यह बात विपणन यानी मार्केटिंग के क्षेत्र में अति महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि हर वस्तु का एक मूल्य है और यदि ...
इन दिनों एस एस राजामौली का प्रभाव चारों ओर है। एक ओर उनकी फिल्म "रौद्रम रणम रुधिरम" यानी RRR को हर जगह से प्रशंसा और सम्मान मिल रहा है, वही गोल्डन ग्लोब में नाटु नाटु को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का पुरस्कार प्राप्त हुआ, जिसके बाद RRR ने ऑस्कर के लिए ...
1998 में करण जौहर नाम के एक नए चेहरे वाले निर्देशक के आगमन के साथ भारतीय सिनेमा परिदृश्य हमेशा के लिए बदल गया, जब इनके निर्देशन में एक रोमांटिक चलचित्र, "कुछ कुछ होता है" का अनावरण किया गया। यह एक ऐसा पदार्पण था जिसने न केवल देश की सामूहिक चेतना ...
‘खान है तो भारतीय सिनेमा है!’ ‘झूमे जो पठान पे नाचे पूरी दुनिया!’ ‘खान अभी ज़िंदा है!’ Khans are back scam: पहले भी बताया था, बॉलीवुड एक अजब अजायबघर है। ‘ओल्ड वाइन इन अ न्यू बॉटल’ को यह लोग इतना सीरियसली ले चुके हैं कि आवश्यकता पड़ने पर हलाहल को ...
Adipurush new poster: पता है विजय कृष्ण आचार्य, डॉक्टर चंदप्रकाश द्विवेदी और ओम राऊत में क्या समान बात है? ये तीनों ही किसी समय पर उत्कृष्ट कला के लिए जाने जाते थे, और इन्होंने अति महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में अपना सर्वस्व अर्पण करने का दावा किया। परंतु इन तीनों में से ...
पांचों उँगलियाँ कभी एक समान नहीं हो सकती। ठीक इसी भांति सभी एक विषय पर एकमत हों, ऐसा शायद ही कभी हो सकता है। परंतु किसी वस्तु या विषय से असहमति एक बात है, और अपनी कुंठा में उस वस्तु को निरंतर अपमानित करना दूसरी। RRR से कुछ लोगों को ...
के सुभाष चंद्रबोस: वो कहते हैं न, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.... 13 मार्च 2023 को प्रात: काल इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अनेक भारतीयों को देखने को मिला। जिस फिल्म को केवल इसलिए आलोचना का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसने भारत की वास्तविकता चित्रित करने के नाम पर ...
परिवर्तन ही संसार का शाश्वत सत्य है। यही बात सिनेमा पर भी लागू होती है। जिस प्रकार से हमें फिल्मांकन में बदलाव देखने को मिल रहा है, शीघ्र ही वो समय भी आएगा जब भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में युद्ध होगा। परंतु ये युद्ध वैचारिक होगा, और सामाजिक रूप से ...
5 Indian cinema blockbuster: सिनेमा में भांति-भांति के रिकॉर्ड होते हैं। कोई फिल्म हिट होती, कोई फ्लॉप तो कोई ब्लॉकबस्टर। परंतु कुछ फिल्में ऐसी भी होती हैं जिनकी सफलता की आशा किसी को नहीं होती लेकिन वो फिल्में कमाल कर जाती हैं, ऐसी फिल्में अपने आप में शोध का विषय ...
Drishyam 2 Trailer: “मैं अपनी बीवी का बर्थडे भूल सकता हूं, पर 2 और 3 अक्टूबर नहीं”, यह संवाद अपने आप में यह बताने के लिए पर्याप्त है कि यह फिल्म किस स्तर पर जा सकती है। न कोई शोर शराबा, न कोई नौटंकी और फिर भी लोग एक रीमेक ...
“कभी कभी हौसले को नहीं समझ आता कि उसे अपनी हदें पार नहीं करनी चाहिए, तब खौफ को भी पता चल जाता है कि उसके आने का वक्त आ गया है....”, ये संवाद अपने आप में यह बताने के लिए पर्याप्त है कि जूनियर NTR की लोकप्रियता इस समय किस ...