रूस को क्यों है भारत की जरूरत?
16 April 2024
टेस्ला की कारों के लिए सेमीकंडक्टर चिप बनाएगी टाटा।
16 April 2024
कोरोना वायरस महामारी के बीच, जब दुनिया फसल में गड़बड़ी के कारण खाद्य संकट से जूझ रही थी, तब भारतीय कृषि क्षेत्र ने अपना उत्पादन कई गुना बढ़ा दिया। हालाँकि, महामारी के बाद की दुनिया में, भारत एक खाद्य निर्यात के स्त्रोत के रूप में उभरने के लिए तैयार है। ...
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चीन द्वारा शुरू किया गया व्यापार युद्ध लगातार उसी पर भारी पड़ रहा है। पहले तो चीन द्वारा ऑस्ट्रेलियाई कोयले के आयात पर अनाधिकृत रोक लगाने के बाद, ऑस्ट्रेलिया ने भारत और जापान के बाजार को विकल्प बनाया जिससे चीन के बिजली और स्टील क्षेत्रों में कोयले ...
"यूरोपीय संघ (ईयू) को भारत के बासमती निर्यात में अप्रैल से नवंबर 2020 की अवधि के दौरान अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग 71 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।" यह कहना है बासमती चावल का निर्यात करने वाली ...
जब कोई आपसे मदद मांगता है तो यह मायने नहीं रखता कि आप मदद करने योग्य हैं या नहीं बस उस वक्त मानवता सबसे आगे हो जाती है और किसी ना किसी तरह से हम सामने वाले की मदद करना चाहते हैं। लेकिन विश्व व्यापार संगठन जैसी वैश्विक संस्था से ...
चीनी टेक कंपनियों के वैश्विक बहिष्कार के बाद अब चीन दूसरे देशों की टेलीकॉम कंपनियों को खरीदने के फिराक में है। चीनी कंपनी चाइना मोबाइल प्रशांत क्षेत्र की टेलिकॉम कंपनी डिजिसेल को खरीदने की कोशिश में लगी है जो ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को परेशान कर रहा है। अब ...
अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने वाली कहावत तो आपने बहुत बार सुनी होगी कि कैसे कुछ लोग स्वयं का ही बेड़ागर्क करा लेते है। ऐसा ही कुछ रूस-यूक्रेन के दौरान तमाम देशों ने भी किया। रूस ने यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध क्या छेड़ा, दुनिया के तमाम देश एकजुट हो गए ...
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) भीख मांग रहा है। जी हां, आपने सही सुना, IMF भारत के सामने भीख मांग रहा है। वैसे ये भी बहुत रोचक बात है कि ये वही IMF है जिसने मनमोहन सिंह के राज में भारत की आर्थिक संप्रभुता को गिरवी रख लिया था। पर, ऐसा ...
अगर किसी व्यक्ति से यह पूछा जाए कि उसे सतत विकास पसंद है या विनाशकारी विकास, तो लाजिमी तौर पर कोई भी सतत विकास ही चुनेगा। सतत विकास में ज्यादा समय, बड़े बदलाव और ज्यादा पैसे खर्च होने की संभावना होती है, ऐसे में लोग सतत विकास के बदले विनाशकारी ...