शीर्ष देश अपनी मातृभाषा में ही कर रहे सारा काम, समझिए शिक्षा और अनुसंधान में क्यों ज़रूरी है अपनी भाषा
शिक्षा स्वयं में एक क्रिया भी है तथा संस्था भी। अपने व्युत्पत्तिमूलक अर्थ में यह संस्कृत की 'शिक्ष्' धातु में 'अ' प्रत्यय लगाने से बनती है जिसका अर्थ है, सीखना और सिखाना। इस प्रकार शिक्षा सीखने और सिखाने की ...