परिवारवाद की राजनीति केवल ठाकरे, यादव और गांधी परिवार तक ही सीमित नहीं है
कांग्रेस, सपा और शिवसेना तो यूं ही बदनाम हैं, वास्तव में परिवावाद से पोषित पार्टियों में सत्ता की ऐसी लालसा है कि सत्ता का सुख निजी संबंधों के आड़े आ जाता है। एक क्षण भी नहीं लगता और निजी ...