क्रेडिट कार्ड से अब नहीं कर पाएंगे निजी पेमेंट।
24 April 2024
दुनिया की अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है। 21 फरवरी, 2024 को जारी अपनी रिपोर्ट में फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने यह आशंका जताई है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका मंदी में जाने की 45 प्रतिशत संभावना के साथ छठे स्थान पर है। वहीं, दूसरी सबसे आर्थिक शक्ति चीन ...
केंद्र सरकार ने देश को इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने देश को इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने के लिए एक नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दे दी है। नई नीति के तहत अब ...
कभी-कभी, एक चिंगारी अभूतपूर्व पैमाने पर बदलाव ला सकती है। माचिस की डिब्बियों की दुनिया में, यह भावना एक निर्विवाद सत्य है। हालाँकि माचिस की डिब्बियाँ ऐसी वस्तुएँ नहीं हैं जो आपको आश्चर्यचकित कर दे, परन्तु बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में आर्थिक और ...
भारत की #MakeInIndia पहल के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय में, ताइवानी लैपटॉप दिग्गज ASUS ने प्रमुख घटक आपूर्तिकर्ताओं को चीन में अपने प्राथमिक विनिर्माण केंद्र से भारत में स्थानांतरित करने की योजना का अनावरण किया है। यह रणनीतिक कदम आईटी हार्डवेयर के लिए भारत सरकार की 17,000 करोड़ रुपये की ...
ऊर्जा सुरक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता ठीक उसी तरह है जैसे अपनी बाजी किसी और के हाथ में दे देना। जहां तक भारत की बात करें तो यह देश प्रत्येक क्षेत्र में अब विदेशी निर्भरता को खत्म करने के प्रयास कर रहा है, डिफेंस से लेकर टेक्नोलॉजी के ...
ग्रीन हाइड्रोजन भारत: गर्मी हो या ठंड दिनोदिन बढ़ती पेट्रोल की कीमतों ने लोगों के पसीने छूड़ा दिए हैं। वहीं दूसरी ओर ईंधन की बढ़ती मांग और ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी समस्याओं के कारण ऊर्जा के नये स्त्रोतों की आवश्यता भी बढ़ती जा रही है। बीते कुछ सालों में जलवायु परिवर्तन ...
चिराग तले अंधेरा, वस्तु, साधन सब आपके पास हो फिर भी आप वही वस्तु और साधन पड़ोस के घर से ले आएं तो यह बात हास्यास्पद प्रतीत होने लगती है। भारत भी कुछ ऐसा ही कर रहा है, यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश है लेकिन फिर ...
कभी भारत दुनिया का सबसे बड़ा आयातक हुआ करता था यानी यदि खाद्यान छोड़ दें तो हम हर चीज के लिए दुनिया के तमाम देशों पर निर्भर थे. मोबाइल के साथ भी ऐसा ही हुआ लेकिन समय बदला, परिस्थिति बदली और 'भारत का भाग्य' भी बदल गया. हम शुरू से ...
भारत जिस तीव्रता से विकास की ऊंचाइयों को छू रहा है उसका सम्पूर्ण विश्व को भान हो गया है। अपने बढ़ते विकास के क्रम में भारत आत्मनिर्भरता को लेकर बहुत सजग है, वह विश्व पटल पर अपनी ठसक बनाए रखना चाहता है। वह स्वयं को हर एक क्षेत्र में एक ...
हो गयी है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। इन पंक्तियों ने परोक्ष रूप से भारत के 'मेक इन इंडिया' संकल्प को परिभाषित किया है। यहां यह जानना महत्वपूर्ण हो ...
कोरोना महामारी के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध ने पूरी दुनिया की मुश्किलें बढ़ाकर रख दी। वर्तमान में विश्व पर एक बड़ा संकट आर्थिक मंदी के रूप में आ रहा है। तमाम विशेषज्ञों द्वारा चेताया जा रहा है कि वैश्विक मंदी तो आकर ही दम लेगी। वे देश, जो स्वयं को सबसे ...
देश को योजना से चलाने के लिए संस्था की आवश्कयता होती है। इसी जरूरत को समझते हुए वर्ष 1950 में योजना आयोग का गठन किया गया था। संस्था का मुख्य उद्देश्य देश में उपलब्ध संसाधनों का सही तरीके से आंकलन करते हुए विकास की आवश्यकता के अनुसार पंचवर्षीय योजना का ...