अनुछेद 370 पर लोगों को भड़काते दिखे फारूक अब्दुल्ला, इन्हें फिर से ‘सलाखों के पीछे’ भेजने का समय आ गया है
संसद सर्वोच्च है। यह लोकतन्त्र की आधारशिला है। विधि निर्माता और संविधान रक्षक है। एक सक्षम लोकतन्त्र में संसद की गलती को संसद ही सुधारती है अन्यथा लोकतन्त्र भीड़तन्त्र में परिवर्तित हो जाएगा। सही गलत का कोई अर्थ नहीं ...