JNU के भोले छात्रों के हसीन सपने – बाबरी मस्जिद दोबारा बनानी चाहिए
“कसम बाबर की खाते हैं, मस्जिद वहीं बनायेंगे!” अजीब प्रतीत होता है न, परन्तु यही सत्य है. कुछ लोग अभी भी ऐसा सोचते हैं कि सरकार से लेकर प्रशासन तक, सब उनके क़दमों तले होगी और उनकी जयजयकार करते ...