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अंततः चुनाव चिह्न से तय हो गया कि बालासाहेब ठाकरे की विरासत को संभालने के लिए एकनाथ शिंदे ही सबसे योग्य हैं

इस साल महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल तब आई जब शिवसेना दो धड़ों में बंट गयी और उद्धव ठाकरे की मुख्यमंत्री की कुर्सी गयी सो अलग। शिवसेना के टूट जाने के बाद से ही चुनाव आयोग ने इनका मूल ...

बालासाहेब ठाकरे का ‘सामना’, अब आधिकारिक तौर पर नेशनल हेराल्ड 2.0 हो गया है

जब से भाजपा को धोखा देते हुए शिव सेना ने कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन किया है, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना एक ऐसी मुसलमान समर्थक पार्टी बन गई है जिसकी कभी हिंदू हृदय सम्राट बाला साहब ...

छत्रपति शिवाजी महाराज नहीं केवल ‘शिवाजी’ और ‘जनाब बालासाहेब ठाकरे’, शिवसेना ने हिंदुत्व को पूरी तरह छोड़ दिया है

शिवसेना एक बार फिर से विवादों के घेरे में है, और इस बार अपने कैलेन्डर को लेकर। हाल ही में नववर्ष में शिवसेना के युवा मोर्चा ने एक कैलेन्डर जारी किया और इस कैलेंडर ने एक बार फिर सिद्ध ...

उद्धव को बचाने के लिए शिवसेना ने लिया ‘मराठी मानुष’ का सहारा, परंतु उद्धव बालासाहेब नहीं हैं

राजनीति में नीचे गिरना एक बात है और नीचता करना दूसरी, और ठाकरे परिवार और उसके चमचे नीचता पर उतारू हैं। अपनी मुगलिया सोच और रवैये के कारण उन्होंने पहले एक महिला को अपशब्द कहे, फिर उसके ऑफिस पर ...

जिन कम्युनिस्टों को बालासाहेब ने Mumbai से खदेड़कर भगाया, उन्हीं को उद्धव ठाकरे बसाने जा रहे हैं

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन चुके हैं। सारी शक्ति अब उनके हाथ में है। इन शक्तियों का वह उपयोग नहीं बल्कि दुरुपयोग कर रहे हैं। कभी भारतीय जनता पार्टी की साथी रही शिवसेना ने सत्ता में आते ही ...

सीएम योगी ने शिवसेना की आलोचना करते हुए बालासाहेब के सिद्धांतों की अवहेलना का लगाया आरोप

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व देश के प्रसिद्ध नेताओं में से एक सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को शिवसेना पर जबर्दस्त तरीके से हमला बोला। शिव सेना एनडीए गठबंधन का भाग है। हालांकि, शिवसेना पर प्रधानमंत्री और बीजेपी पर ...

हृदयनाथ मंगेशकर : जिन्हे उनकी कला का उचित सम्मान नहीं मिला

बालासाहेब नाम सुनते ही आप मन में किसका नाम सर्वप्रथम आता है? शिवसेना के प्रमुख बाल ठाकरे का, नहीं? और अगर हम आपको बताएं कि एक और "बालासाहेब" हैं, जिनका राजनीति से दूर दूर तक कोई नाता नहीं, तो? ...

उद्धव के बयान से जुड़ा हिन्दुत्व विवाद

सोने की चम्मच लेकर आविर्भूत हुए कुछ विरले ही होते हैं जो विरासत रूपी धन और  सम्पदा को सही से संभाल पाते हैं अतएव अपने पुरखो से मिली विरासत को आगे बढ़ाना हर किसी के बस की बात नही ...

रस्सी जल गई पर बल नहीं गया! ‘स्वघोषित गुंडे’ संजय राउत चुनाव आयोग को ‘फिक्सर’ बता रहे हैं?

कुछ लोगों पर एक कहावत बड़ी चरितार्थ होती है, “चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए।” यशवंत सिन्हा, महुआ मोईत्रा जैसे राजनीतिज्ञ बालक प्रतीत होते हैं, जब बात आए उद्धव ठाकरे के सबसे प्रिय और पूर्व शिवसेना नेता संजय राउत ...

राजनीति के कच्चे खिलाड़ी उद्धव ठाकरे सत्ता और संगठन दोनों से ही हाथ धो बैठे

पिता की विरासत को आगे बढ़ाना कोई आसान बात नहीं होती है क्योंकि जिसने संघर्ष किया होता है उसे पता होता है कि कैसे विरासते संभाली जाती हैं, लेकिन जिसे बैठे-बिठाए सबकुछ मिल जाए वो उसे संभालना क्या जानेगा? ...

वेदांता और एयरबस प्रोजेक्ट गुजरात गए काहे कि तब उद्धव सीएम था न

पिछले कुछ समय में महाराष्ट्र के हाथ से दो बड़े प्रोजेक्ट वेदांता-फॉक्सकॉन और टाटा एयरबस प्रोजेक्ट निकल गए। जिससे राज्य की सत्ता से बेदखल हुई उद्धव की शिवसेना बौखला गयी और इन प्रोजक्ट के महाराष्ट्र से गुजरात जाने का ...

उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी, अपनी विरासत,अपना चुनाव चिह्न खो दिया और अब वो एक कम्युनिस्ट बन चुके हैं

बालासाहेबांची शिवसेना: शुरू करो अंताक्षरी लेके प्रभु का नाम, पर अंत ऐसा भयो कि न माया मिली न राम। का करें बंधु, जीवन ऐसा ही है, विचित्र अनुभवों से भरा। ऐसे ही विचित्र अनुभवों से महोदय उद्धव ठाकरे को ...

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