धामी और सावंत से सबक – ‘रघुवर दास सिंड्रोम’ से भाजपा को हर कीमत पर बचना चाहिए
जब किस्मत ख़राब हो, तो ऊंट पर बैठे आदमी को भी कुत्ता काट लेता है। कुछ ऐसा ही हाल सत्ता पर काबिज बड़े-बड़े नेताओं का इस चुनाव में हुआ और मात्र इस चुनाव में ही नहीं, बल्कि बीते कई ...