श्रीबांके बिहारी कॉरिडोर का विरोध क्यों?
28 January 2023
कहते हैं कि किसी को सम्मान न दे सको तो उसे अपमानित भी मत करो लेकिन यह कहावत आज के समय में लोग लगभग भूल गए हैं। इतना ही नहीं जिन लोगों को सम्मान मिला है उन्हें भी अपमानित करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ...
कभी सोचा था कि किसी भारतीय चलचित्र में आधुनिकता और वैज्ञानिकता का अद्भुत समावेश देखने को मिलेगा? कभी सोचा था कि जिस देश में अपनी संस्कृति पर गर्व करना भी किसी फिल्म में पाप माना जाता है, वहाँ एक फिल्म में न केवल गर्व से हमारी संस्कृति को दिखाया जाएगा, ...
इसरो जासूसी प्रकरण में हाल ही में कुछ चौंकाने वाले रहस्योद्घाटन हुए हैं। जो बातें सीबीआई द्वारा केरल हाईकोर्ट को बताई गई है, उससे अब स्पष्ट होने लगा है कि बहुचर्चित इसरो वैज्ञानिक एस नम्बी नारायणन को हिरासत में लेने और उनका शारीरिक एवं मानसिक शोषण करने के पीछे एक ...
टीएफ़आई आपके समक्ष वर्ष 2022 की बेहतरीन हिंदी (best Bollywood films of 2022) फिल्मों की सूची लेकर आया है. इस सूची में हमने किन फिल्मों को शामिल किया है, वो हम आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले हम आपको यह बताना जरूरी समझते हैं कि हमने यह सूची फिल्म की गुणवत्ता ...
कहते हैं कि सिर्फ एक मूर्ख नहीं जानता कि उसका दुश्मन कौन है। किसी भी जंग को जीतने के लिए सबसे पहले हमें यह स्वीकार करना होता है कि हम युद्ध में हैं और फिर हमें यह समझना होता है कि हमारा शत्रु कौन है? बॉलीवुड के विरुद्ध जो लड़ाई ...
एक प्रश्न है- किसी व्यक्ति या किसी सरकार के द्वारा अपनी नाकामियों का ठीकरा किसी दूसरे पर फोड़ना क्या सही है? उत्तर होगा- नहीं। अब दूसरा प्रश्न करते हैं- एक बार की गयी गलती को दोहराना क्या सही है? फिर से वही उत्तर होगा- नहीं। तो फिर केरल पुलिस क्यों ...
“चैन से सोना है तो जाग जाइए!” “Three Shots That Shook The Nation!” ये शब्द कुछ सुने सुने से नहीं लगते? लगेंगे क्यों नहीं, ये परिलक्षित करते हैं भारतीय पत्रकारिता के उस पहलू को जिससे चिढ़ते तो सब हैं परंतु अनदेखा कोई नहीं कर सकता। जिसका सबसे घिनपट स्वरूप है ...
जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो किसी और को क्या ही दोष दिया जाए। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया जन्मजन्मांतर से वही फिल्में ऑस्कर में भारत की एंट्री के लिए भेजता है जिसमें भारत शोषित और पीड़ित लगे और जिससे यह प्रतीत हो सके कि किन अभावों में भारत जी ...
बॉलीवुड पर साढ़े साती छाई हुई है आप इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं कर सकते। लोगों को बॉलीवुड के कंटेंट पसंद नहीं आ रहे हैं आप इस बात से भी इनकार नहीं कर सकते। बॉलीवुड वाले सिर्फ और सिर्फ कॉपी पेस्ट कर के फिल्में बनाते हैं आप इस ...
“मार्केट में सबसे बड़ा जोखिम होता है जोखिम न लेना”, स्कैम 1992 का यह संवाद भारतीय फिल्म उद्योग पर शत प्रतिशत लागू होता है और यह भारतीय फिल्म उद्योग विशेषकर बॉलीवुड के पतन का एक प्रमुख कारण बना है। परंतु ओम राऊत ने ठान लिया है कि बबुआ खेल तो ...
कुछ फिल्में अगर OTT पर प्रदर्शित हो रही हैं तो उसके दो ही कारण है या तो उसके भाग्य फूटे हैं या फिर वो फिल्म इतनी खराब है कि OTT के अतिरिक्त वह कहीं प्रदर्शित होने योग्य नहीं है। यह बात अक्षय कुमार के हाल ही में प्रदर्शित ‘कठपुतली’ पर ...
बड़ी कठिन डगर है इस समय बॉलीवुड की। न कोई इनकी सुनना चाहता है, न कोई इनकी फिल्में चाहता है। ऊपर से सुधरने के बजाए इस उद्योग के कलाकार ऊटपटाँग बयान देकर अपनी ही लंका लगाने का पूर्ण प्रबंध करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। तो क्या बॉलीवुड ...