रूस को क्यों है भारत की जरूरत?
16 April 2024
टेस्ला की कारों के लिए सेमीकंडक्टर चिप बनाएगी टाटा।
16 April 2024
“मार्केट में सबसे बड़ा जोखिम होता है जोखिम न लेना”, स्कैम 1992 का यह संवाद भारतीय फिल्म उद्योग पर शत प्रतिशत लागू होता है और यह भारतीय फिल्म उद्योग विशेषकर बॉलीवुड के पतन का एक प्रमुख कारण बना है। परंतु ओम राऊत ने ठान लिया है कि बबुआ खेल तो ...
कुछ फिल्में अगर OTT पर प्रदर्शित हो रही हैं तो उसके दो ही कारण है या तो उसके भाग्य फूटे हैं या फिर वो फिल्म इतनी खराब है कि OTT के अतिरिक्त वह कहीं प्रदर्शित होने योग्य नहीं है। यह बात अक्षय कुमार के हाल ही में प्रदर्शित ‘कठपुतली’ पर ...
बड़ी कठिन डगर है इस समय बॉलीवुड की। न कोई इनकी सुनना चाहता है, न कोई इनकी फिल्में चाहता है। ऊपर से सुधरने के बजाए इस उद्योग के कलाकार ऊटपटाँग बयान देकर अपनी ही लंका लगाने का पूर्ण प्रबंध करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। तो क्या बॉलीवुड ...
11 जनवरी 1966 और 24 जनवरी 1966, इन दोनों दिनों में क्या समानता है? इन दोनों दिन, भारत के दो विख्यात व्यक्ति, हमारे माटी को त्याग कर परलोक सिधार गए और वो भी रहस्यमयी परिस्थितियों में, भारत की माटी से मीलों दूर। परंतु कुछ ही वर्षों बाद, 30 दिसंबर 1971 ...
जब एजेंडों की पोल खुलती है तो वामपंथियों के पेट में सर्वाधिक दर्द उठता है। ये बैठते हैं तो दर्द उठता है और दर्द उठता है तो बैठ जाते हैं मतलब कि इन्हें पता है कि इनके द्वारा फैलाया जा रहा प्रोपेगेंडा व्यर्थ है फिर भी एक के बाद एक ...
हम सभी को पता था कि इस फिल्म का क्या हाल होने वाले हैं, पर ऐसा? राम राम। एक विश्लेषक ने तो बिल्कुल ही सटीक विश्लेषण दिया है – बाहुबली के दोनों वर्जन + RRR + KGF + ठग्स ऑफ हिंदोस्तान + मंगल पांडे = शमशेरा आखिर क्यों इन्ही फिल्मों ...
ये फिल्म उद्योग भी गजब लोक है बंधु। कुछ को इस बात की समस्या है कि उनके फिल्मों को 100 करोड़ से अधिक क्यों नहीं मिलते, तो कुछ को इस बात से समस्या है कि उनके फिल्म में भाषा और संस्कृति के समीकरण ठीक बैठते हैं कि नहीं। परंतु इस ...
'फ़्लॉप्स, फ़्लॉप्स, फ़्लॉप्स, आई डोन्ट लाइक इट, आई अवॉइड, बट फ़्लॉप्स लाइक मी, आई कान्ट अवॉइड', ये सिर्फ एक मीम नहीं बॉलीवुड की एक जीती जागती सत्यता बन चुकी है, जिसमें शाबाश मिट्ठू और हिट ने भी कोई मरहम लगाने का प्रयास नहीं किया है। इस लेख में हम विस्तार ...
हाल ही में प्रदर्शित आर माधवन की फिल्म ‘रॉकेट्री – द नम्बी इफेक्ट’ अनेक बाधाओं का सामना करने के बाद भी दर्शकों का प्रेम जुटाने में निरंतर सफल रही है। यह फिल्म अब तक 30 करोड़ से अधिक का वैश्विक बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन कर चुकी है। वो भी तब, ...
ऐसा आज नया नहीं हो रहा है कि बॉलीवुड में किसी की बायोपिक बनायी गयी हो लेकिन जब किसी महान या किसी प्रभावशाली व्यक्तित्व के चरित्र को चित्रित करने की बात आती है तो उस कलाकार और उस निर्देशक का ये कर्तव्य बनता है कि वो उस व्यक्तित्व के साथ ...
इन दिनों चरमपंथियो की कोई सीमा नहीं है। कम से कम सोशल मीडिया से तो ऐसा ही प्रतीत होता है। उदयपुर में जो हुआ है, वह तो झलक मात्र है, परंतु ऐसा लग रहा है कि कुछ स्मार्टफोन एप्स, विशेषकर म्यूज़िक एप्स स्वयं इस कुत्सित प्रवृत्ति को बढ़चढ़कर बढ़ावा दे ...
शक्ल देखिए, नहीं नहीं बंधु बस शक्ल देखिए आप। बड़ी कठिनाई से मोहतरमा अपने भावनाओं को किस प्रकार से नियंत्रित किये हुए हैं, और आप जानकर अचंभित हो जाओगे, भौंचक्के हो जाओगे, कि यही व्यक्ति मिताली राज का सिल्वर स्क्रीन पर प्रतिनिधित्व करेंगी। बॉलीवुड की उस महामारी से, जो कोरोना ...