क्रेडिट कार्ड से अब नहीं कर पाएंगे निजी पेमेंट।
24 April 2024
पंजाब में आने वाले कुछ ही समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से अपनी तैयारियों में लगी हुई है। पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा अलग-अलग गठबंधन के साथ किस्मत आजमा रहे हैं। करीब 25 साल तक एनडीए का हिस्सा रहे शिरोमणि अकाली ...
पंजाब में भाजपा और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के बीच संभावित गठबंधन की अटकलों पर मंगलवार को उस समय विराम लग गया जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने घोषणा की कि भगवा पार्टी राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। जाखड़ ने कहा, "यह निर्णय राज्य में लोगों, ...
बड़े भले आदमी थे परकाश भाई... अगर आपको लग रहा है कि किसकी बात चल रही है, तो ये हैं शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख राजनीतिज्ञों में से एक, एवं पूर्व मुख्यमंत्री परकाश सिंह बादल, जिनका हाल ही में देहांत हुआ है। परकाश सिंह बादल कैसे राजनीतिज्ञ, इसका उत्तर तो ...
एक दम से वक्त बदल दिए, जज्बात बदल दिए, बड़े प्रचलित हुए इस मीम को आज शिरोमणि अकाली दल के परिप्रेक्ष्य में बिलकुल सटीक पाया जा रहा है। जो पार्टी एक ज़माने में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता बनाती हो, आज उसकी दशा ऐसी हो गई कि दल के टॉप ...
भारत में कृषि कानूनों को लेकर पिछले एक वर्षों से चल रहे आंदोलन ने देश की राजनीती में बवाल मचाया हुआ है। कृषि बिल के मुद्दे ने देश के दो सबसे पुराने राजनितिक सहयोगी को भी अलग कर दिया है ,जी हां यहाँ बात हो रही है भाजपा और अकाली ...
हाल ही में फर्जी किसान आंदोलन के प्रमुख स्थलों में से एक कुंडली बॉर्डर से हृदयविदारक तस्वीर देखने को मिली है। एक व्यक्ति (लखबीर सिंह) के मृत शरीर को किसान आंदोलन के मंच के पीछे क्षत-विक्षत अवस्था में लटकाया गया था, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा और ...
पंजाब की राजनीति में लाभ की नीति के तहत कांग्रेस ने जो भी कदम उठाए थे, वो विधानसभा चुनाव आते-आते कांग्रेस पर ही भारी पड़ते दिख रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपमानित करने के बाद पहले ही कांग्रेस पार्टी में दो गुट बन गए हैं, वहीं पार्टी ने पर्दे ...
ऐसा पहली बार हो रहा है कि पंजाब में दलित समुदाय को राजनीतिक रूप से इतना अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जो राजनीति पहले अपर क्लास पर केन्द्रित रहतीं थी, वो दलितों के मुद्दे पर आ गई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को हटाने के बाद कांग्रेस ...
बिन पेंदी के लोटा आपने सुना होगा। हिंदी की यह मशहूर लोकोक्ति तब इस्तेमाल होती है जब किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह में स्थिरता नहीं होती है। वो बस इधर उधर लुढ़कते रहते है। भारतीय राजनीति में ऐसे बहुत से बिन पैनी के लोटा है। सुबह में हरी घास ...
पंजाब में कांग्रेस के आंतरिक गतिरोध के बाद अब कथित रूप से मामला शांत तो हो गया है, किन्तु इससे वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की राजनीति जटिल हो गई है। कैप्टन और सिद्धू की लड़ाई के कथित विराम के बाद कांग्रेस पंजाब में बिखर गई है। ...
‘अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना’, ये कहावत हैं, लेकिन आजकल पंजाब की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने संभवतः इसे यथार्थ में बदलने की तैयारी कर ली है। अपने राजनीतिक भविष्य पर अकालियों ने पहली चोट तो उसी दिन मार ली थी, जब किसानों के हितों का दिखावा करके ...
पंजाब की राजनीति में अनुसूचित जाति की भूमिका हमेशा निर्णायक रही है। इनका एक मुश्त वोट पंजाब में किसी भी पार्टी की राजनीतिक नैय्या पार लगा सकता है। इन सबके बावजूद अनुसूचित जाति को पंजाब की राजनीतिक पार्टियों ने कभी महत्व नहीं दिया, लेकिन इस बार बदलाव नजर आ रहा ...