DRDO ने बनाई देश की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट।
26 April 2024
कर्नाटक में मुस्लिमों को दिया गया पिछड़ा वर्ग का दर्जा।
25 April 2024
केरल की मार्क्सवादी सरकार का दुराग्रह चरम पर पहुंच गया है। माकपा के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार पहले ही राज्यपाल डॉ. आरिफ मोहम्मद खान से सीधे-सीधे टकराव पर उतरी हुई थी। फिर वह उनके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में गई और अब उसने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ ...
कभी आम आदमी पार्टी के बैकबोन रहे मनीष सिसोदिया इस समय ऐसे संकट में है, कि यदि आम आदमी पार्टी चाहे भी, तो भी उसे बाहर नहीं निकाल सकती! सुप्रीम कोर्ट ने वर्तमान फैसले में उनकी बेल याचिका पुनः रद्द कर दी, साथ ही फास्ट ट्रैक पर उनकी सुनवाई तेज ...
आखिरकार महीनों की चर्चा और कुछ विवादास्पद टिप्पणियों के बाद, भारत का सर्वोच्च न्यायालय अंततः समलैंगिक विवाह की कानूनी वैधता पर निर्णय पर पहुंच गया । न्यायालय का फैसला संसद पर जिम्मेदारी डालते हुए विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता पर जोर देता है। हालाँकि, सवाल यह है कि ...
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार (9 अगस्त 2023) को चौथे दिन जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को चुनौती देने वाली 23 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान 4 घंटे 40 मिनट तक चली कार्रवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट्स से कई अहम सवाल किए। कोर्ट ...
ASI survey at the Gyanvapi complex: धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के सार को प्रतिबिंबित करने वाले एक दृढ़ रुख में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर में और उसके आसपास भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) (ASI survey at the Gyanvapi complex) को अपना स्पष्ट समर्थन दिया है। यह निर्णय देश के ताने-बाने ...
कभी कभी समझ में ही नहीं आता कि आखिर सुप्रीम कोर्ट की वर्तमान पीठ चाहती क्या है? कुछ मामलों को ऐसे देखेगी, जैसे कि ये कोर्ट का समय बर्बाद क्र रहे हैं, चाहे वो देश की अखंडता से सम्बंधित ही क्यों न हो. परन्तु कुछ मामलों इनकी अति सक्रियता हमें ...
हाल ही में, एक जागृत किशोर ने भारत के संविधान को जेंडर न्यूट्रल बनाने की मांग के साथ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इसे क्या पता था कि भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा रिएलिटी की खुराक के साथ उनके वोक बुलबुले को फोड़ने के लिए ...
किसी ने सही कहा है, “आप कुछ लोगों को हर समय उल्लू बना सकते हो, आप सबको कुछ समय तक उल्लू बना सकते हो, पर आप सबको हर समय उल्लू नहीं बना सकते!” जानिये दिल्ली सरकार की पंचवर्षीय योजना के बारे में, जहां दिल्ली से मेरठ तक RRTS के विकास ...
न्यायपालिका और कार्यपालिका यानि सरकार में तनातनी किसी से नहीं छुपा है। संविधान की आड़ में कुछ जज सरकार की स्वायत्ता को चुनौती देने से भी बाज़ नहीं आते। परंतु जब अपने ही उनकी पोल खोलें, तो? सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जे चेलामेश्वर ने यही किया है। इस लेख ...
Supreme Court on hate speech: कार्यपालिका एवं न्यायपालिका में मतभेद स्वाभाविक है, परंतु कुछ दिनों पूर्व जो सुप्रीम कोर्ट में हुआ, वह सोचने पर विवश कर देता है। हाल ही में हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट पुनः सरकार को उपदेश देने लगी। उनका ध्येय स्पष्ट था कि मामला कुछ ...
न्यायपालिका और सरकार के क्या अधिकार होने चाहिए, क्या नहीं, ये अनंत वाद विवाद का विषय है, और अभी भी यह अंतरद्वन्द जारी है। परंतु कुछ ऐसे भी महानुभाव हैं जो सत्ता तो सत्ता, विपक्ष में भी अपने हितों के विरुद्ध निर्णय आने पर न्यायपालिका के अस्तित्व पर ही प्रश्न ...
एक होते हैं नेता, फिर आते हैं अभिनेता और फिर प्रकट होते हैं विक्टिम कार्ड के प्रणेता। लॉजिक से इनका कोई सरोकार नहीं, व्यवहारिकता से इनका छत्तीस का आंकड़ा है और जब बात अपने एजेंडे के लिए लोगों को उल्लू बनाने की आती है तो ये पहले से ही वहां ...