रूस को क्यों है भारत की जरूरत?
16 April 2024
टेस्ला की कारों के लिए सेमीकंडक्टर चिप बनाएगी टाटा।
16 April 2024
अब समय आ गया है कि अमेरिका यह समझ ले कि भारत छोड़िये, कोई भी देश अमेरिका से नहीं डरता है। अब कोई अमेरिका पर निर्भर नहीं है। इसकी गुंडई अब वहीँ चल सकती है जहाँ परमाणु हथियार नहीं है और जिनकी सैन्य क्षमता में दम नहीं है। इससे ज्यादा ...
21 वीं सदी का भारत इतना सशक्त है कि आज वह किसी भी महाशक्ति के सामने घुटने नहीं टेकता है। एक बार फिर से यह तथ्य साबित हो गया है। हाल ही में, अमेरिका के विरोध जताने और चेतावनियों के बावजूद भारत रूस से S 400 के अपने डील पर ...
दो अमेरिकी सीनेटरों ने बीते दिन मंगलवार को राष्ट्रपति जो बाइडन को पत्र लिख कर भारत द्वारा रूस से S-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने की स्थिति में प्रतिबंध न लगाए जाने की मांग की। अमेरिकी सीनेटर ने आग्रह किया कि राष्ट्रपति बाइडन भारत के खिलाफ ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ ...
सत्ता में आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन बेशक Quad के तहत भारत के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने की बात कर रहे हों, लेकिन यह भी सच ही है कि वे सधे शब्दों में भारत को रूस से S-400 डिफेंस सिस्टम ना खरीदने की चेतावनी भी दे ...
लगता है कि चारों तरफ से घिर चुके तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन अब अपना आपा खो चुके हैं और वे लगातार ऐसे कदम उठा रहे हैं जिसके बाद कभी भी अमेरिका तुर्की पर प्रतिबंध लगा सकता है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तुर्की ने अब अपने S-400 सिस्टम को एक्टिवेट कर ...
तुर्की को काबू में रखने वाला अगर कोई देश है तो वह रूस है। पहले सीरिया में रूस (Russia) समर्थित सीरिया के सैन्य बलों ने तुर्की के 33 सैनिकों को इदलिब में मार गिराया। इसके बाद एक रिपोर्ट के अनुसार लीबिया में भी तुर्की समर्थक विद्रोहियों को हराने के लिए ...
चीन को अब रूस से हाल ही में एक और झटका प्राप्त हुआ है। रूस ने चीन को प्रस्तावित S-400 मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति निलंबित कर दी है, क्योंकि रूस की दृष्टि में अब चीन इनके योग्य नहीं है। अभी कुछ ही दिनों पहले रूस ने चीन पर जासूसी करने ...
भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को रूस की यात्रा पर गए। वे आधिकारिक तौर पर तो रूस की विक्ट्री परेड में शामिल होने गए थे, लेकिन उनकी इस यात्रा का मकसद भारत और रूस के बीच हुए रक्षा सौदों ...
संयुक्त राज्य अमेरिका के विरोध के बाद एक कार्यक्रम में भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत सिर्फ संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संगठनों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का पालन करता है। नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में सुषमा स्वराज ने कहा कि, ‘हम सिर्फ ...
बीते कुछ वर्षों में भारत और चीन के बीच सीमा पर झड़प और तनाव बहुत अधिक बढ़ा है। जिस कारण भारत सरकार अपनी सेना को और अधिक ताकतवर बनाने में लगी है। अभी हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 4,276 करोड़ की ...
पश्चिमी देशों का जोर हमेशा से इस बात पर रहा है कि कैसे भी करके भारत को कमजोर किया जाए। इन लोगों ने हमेशा भारत की संस्कृति से लेकर यहां की एक-एक चीज को हीन भावना से देखा है। इन सबके बाद भी भारतीय संस्कृति अब काफी तेजी से आगे ...
जो देश के भविष्य के लिए बेहतर होगा अगर शासक उस दिशा में काम न करे तो वो कभी देश का हितैषी नहीं कहलाएगा। यूं तो भारत तेल आयात और निर्यात दोनों के लिए अपने विभिन्न स्त्रोतों के साथ आज सक्षम हो चला है। वहीं देखा जाए तो उत्तम से ...