DRDO ने बनाई देश की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट।
26 April 2024
जब बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे तब कुछ दिनों बाद ही खबर आई थी कि बाइडन के नेतृत्व में अमेरिका भारत पर रूस से S400 खरीदने पर प्रतिबन्ध लगा देगा। परन्तु यह 1990 के दशक का भारत नहीं है। अब ऐसी रिपोर्ट्स सामने आ रही है कि भारत न ...
लगता है तुर्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के धैर्य की परीक्षा लेने का मन बना लिया है। यही कारण है कि अब Nagorno-Karabakh के बाद रूस की नाक के नीचे यूक्रेन में भी तुर्की ने रूस-विरोधी गतिविधि को तेज कर दिया है। बीते शुक्रवार को अंकारा में राष्ट्रपति एर्दोगन ...
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के दौरे पर हैं, जहां वो शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। गुरुवार को राजनाथ सिंह की मुलाकात रूस के रक्षा मंत्री सर्गी शोइगू से हुई। इस मुलाकात की सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि, भारत की मांग पर रूस ...
इसमें कोई संदेह नहीं है कि हाल के वर्षों में भारत का अंतर्राष्ट्रीय कद बड़ा हुआ है। भारत 2014 से पूर्व अपने मसले हल करवाने के लिए अन्य विकसित देशों और ताकतों का रुख करता था, निस्संदेह यह बहुत बड़े धिक्कार की बात थी। लेकिन आज 2022 में उसकी वैश्विक ...
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से वैश्विक स्तर पर भारत की कद में जबरदस्त इजाफा हुआ है। कुछ धूर्त देशों को छोड़ दें, तो दुनिया के लगभग सभी बड़े और मजबूत देशों के साथ भारत का संबंध काफी बेहतर है। भारत गुटनिरपेक्षता के अतीत से बाहर निकल ...
21 वीं सदी का भारत इतना सशक्त है कि आज वह किसी भी महाशक्ति के सामने घुटने नहीं टेकता है। एक बार फिर से यह तथ्य साबित हो गया है। हाल ही में, अमेरिका के विरोध जताने और चेतावनियों के बावजूद भारत रूस से S 400 के अपने डील पर ...
दो अमेरिकी सीनेटरों ने बीते दिन मंगलवार को राष्ट्रपति जो बाइडन को पत्र लिख कर भारत द्वारा रूस से S-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने की स्थिति में प्रतिबंध न लगाए जाने की मांग की। अमेरिकी सीनेटर ने आग्रह किया कि राष्ट्रपति बाइडन भारत के खिलाफ ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ ...
सत्ता में आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन बेशक Quad के तहत भारत के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने की बात कर रहे हों, लेकिन यह भी सच ही है कि वे सधे शब्दों में भारत को रूस से S-400 डिफेंस सिस्टम ना खरीदने की चेतावनी भी दे ...
अमेरिका में जब सत्ता परिवर्तन हुआ था तब सभी को यह उम्मीद थी कि जो बाइडन कुछ ऐसा करेंगे जिससे अमेरिका को घाटा अवश्य होगा। परन्तु यह उम्मीद नहीं थी कि वह अपने बेतुके बयानों और कदमों से अमेरिका के सहयोगियों को अपने चिर प्रतिद्वंदी रूस की तरफ मोड़ देंगे। ...
यह विश्व अब एकध्रुवीय नहीं, बहुध्रुवीय बन चुका है, जहां अमेरिका के पास दुनिया के अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करने की शक्ति लगातार कम होती जा रही है। पिछले कुछ दशकों में भारत और चीन जैसे देशों के उदय ने अमेरिका के प्रभुत्व को करारा झटका दिया है। हालांकि, इसके ...
दुनिया में अमेरिकी वर्चस्व का एक बड़ा कारण उसके द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वियों पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध हैं। अमेरिका अपनी आर्थिक प्रभुता के बदौलत बिगड़ैल देशों की लगाम कस लेता है। विशेष रूप से ईरान, वेनेजुएला जैसे छोटे देशों की। इसी कड़ी में नया नाम है तुर्की का, जिसके राष्ट्रपति ...
जब डोनाल्ड ट्रम्प ने मेक्सिको के अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए ‘दीवार बनाओ’ का नारा दिया था, तब कई लोगों ने उनका उपहास उड़ाया था। लेकिन उनकी यही नीति अब कई देशों के काम आ रही है। ग्रीस ने तुर्की की घुसपैठ को ध्यान में रखते हुए एक अहम ...