Aniket Raj

Aniket Raj

अधिवक्ता ( सर्वोच्च न्यायालय)
हिंदी स्तंभकार (TFI Media)
दक्षिणपंथी-हिन्दू-राष्ट्रवादी
।। यत: धर्मोस्ततो जय: ।।

वैश्विक स्तर पर स्टील मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चीन की हिस्सेदारी छीन रहा है भारत

भारत विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। दुनिया भर में धातु की कीमतों में भारी उछाल के बाद हाल के दिनों में हम चीन को अधिक इस्पात उत्पादन में नाकाम होते हुए देख रहे...

डॉक्टर कफील खान हुए बर्खास्त, अब फिर से निकलेगा एक ‘मेगा विक्टिम कार्ड’!

कहावत है कि गीदड़ के नेतृत्व में लड़ते 100 शेरों से ताकतवर, शेर की नेतृत्व में लड़ने वाले 100 गीदड़ हैं! उत्तर प्रदेश को काफी वर्षों पश्चात एक राजनीतिक सिंह का नेतृत्व प्राप्त हुआ है। अतः अब...

भारतीयों द्वारा ग्लोबल टाइम्स के मुख्य संपादक Hu Xijin का समर्थन करने की आवश्यकता क्यों है?

Hu Xijin - चीन की सबसे बड़ी कमजोरी और ताकत क्या है? चीन की सबसे बड़ी कमजोरी विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और उसकी सबसे बड़ी ताकत विचार और अभिव्यक्ति की परतंत्रता है। मानसिक परतंत्रता पर एक...

ममता सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से ज्यादा अहम है अल्पसंख्यक तुष्टिकरण!

गिरिए! गिरना स्वाभाविक है। परन्तु, इतना मत गिरिए कि रसातल में पहुंच जाए। ज़मीन पर गिरा इंसान उठ सकता है, जबकि ज़मीन में पड़ा इंसान सिर्फ मुर्दा होता है। राजनीतिक स्वार्थ के वशीभूत हमने कई नेताओं की...

बिना पाखंड करे शादी भी नहीं कर सकी मलाला यूसुफजई!​

"मौत के सौदागर की मृत्यु।" सुबह-सुबह एक स्वीडिश समाचार पत्र में इस खबर को पढ़कर डायनामाइट के आविष्कारक और एक धनाढ्य उद्यमी अल्फ्रेड नोबेल हतप्रभ रह गए। उनके आश्चर्य का कारण समाचार पत्र में छपी उनके मृत्यु...

दिल्ली विश्वविद्यालय: जिसे आपके भेड़चाल ने बनाया महान

“सा विद्या या विमुक्तये” अर्थात विद्या मुक्ति का मार्ग है परन्तु दिल्ली विश्वविद्यालय से किसी भी छात्र के लिए शिक्षा प्राप्त करना मुक्ति से भी दुर्लभ है। कारण इसको लेकर हमारा ऑब्सेशन है। किसी भी परीक्षा को...

अर्नब को फंसाने वाले तीन यार- अनिल, सचिन और परमबीर, अब हैं कहाँ?

भ्रम और भ्रांति ही अज्ञानता और अशांति का मूल कारण है। पत्रकारिता पेशे को लेकर भी एक ऐसी ही विश्व विख्यात प्रचलित भ्रांति है। कुछ लोगों और पत्रकारों को लगता है कि पत्रकारिता सिर्फ राष्ट्र के शासकों...

भारत के ‘आत्मनिर्भर अभियान’ ने चीन को दिया झटका, ग्लोबल टाइम्स का बिलबिलाना इसका उदाहरण है!

एक कहावत है, “जब मालिक नहीं बोलता तब स्वान भौंकता है।” स्वान तब भौंकता है, जब मालिक परेशानी में होता है या परेशान होने वाला होता है। वैश्वीकरण के इस दाैर में ऐसे स्वानों को हम मुखपत्र...

चाचा-भतीजा और बुआ: शिवपाल-अखिलेश के गठबंधन ने किया मायावती को भाजपा की ओर

भारतीय राजनीति के तीन रोग- जातिवाद, वंशवाद और मूर्ख लोग। अब जनता मूर्ख है या धूर्त, इस बात पर थोड़ा संदेह इसलिए भी है क्योंकि  जातिवाद और वंशवाद को बढ़ावा देने का कार्य सिर्फ इन्हीं दो प्रजाति...

राम जन्मभूमि के फैसले को हुए 2 साल, जानिए अदालत में अंतिम क्षणों में क्या हुआ था?

आयोध्या अर्थात जो अजेय है। जिसे जीता नहीं जा सकता क्योंकि यह साक्षात धर्म अर्थात राम की जन्मभूमि है। यह भूमि किसी भी तीर्थ और स्वर्ग से सर्वोच्च है। इसकी सर्वोच्चता बनी रही। यह अजेय रहा। आखिर...

जिंदल लॉ स्कूल फिर से विवादों के घेरे में – इस बार अपने कोर्स मैटेरियल में देशद्रोह प्रमोट करने के लिए

शिक्षण संस्थान राष्ट्र निर्माण की नींव होते हैं, यहीं पर राष्ट्र को समर्पित किए जाने वाले पुष्प पल्लवित होते हैं, यहीं पर राष्ट्र निधि को समर्पित की जाने वाली संपदा संचित होती है। शायद इसीलिए यहां कार्यरत...

विमुद्रीकरण और भारत के फलते फूलते डिजिटल अर्थव्यवस्था के 5 वर्षों की आँखों देखी!

पांच साल पहले 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1,000 रुपये और 500 रुपये के पुराने नोटों के विमुद्रीकरण की घोषणा की थी और इस अभूतपूर्व निर्णय का एक प्रमुख उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना...

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