Animesh Pandey

Animesh Pandey

Lead Editor, TFI Media
Vidyarthi of History, Cinema Buff,
Akhand Bharat Parmo Dharma

हिमंता से पंगा लिए हैं सिसोदिया, बहुत बड़ी गलती कर दिए

जो राहुल गांधी को कच्चा चबा जाए, वो हिमंता! जो पूर्वोत्तर से कांग्रेस को साफ करे, वो हिमंता! जो सिसोदिया को पटक पटक के धोए, वो हिमंता! अब आप भी सोच रहे होंगे कि हम असम के...

सुंदर पिचाई के अंडर में ‘ब्राह्मणवाद का केंद्र’ बन गया है गूगल

अजीब बीमारी है यह लिबरलिज़्म। जब तक जिसे अपना आराध्य बनाया, तब तक सब चंगा सी, परंतु तनिक भी विचारधारा से विमुख हुए, तो यही लोग छाती पीटने लगते हैं। हर मामले में अपनी फूहड़ता घुसाने की...

संदीप उन्नीकृष्णन के जीवन को चित्रित करने का एक साहसिक प्रयास है “मेजर”

“व्हाट डज़ इट मीन टू बी अ सोल्जर?” “सर, इस सवाल का जवाब दिया नहीं जा सकता, सिर्फ जिया जा सकता है!”  ये दो संवाद बताने के लिए पर्याप्त है कि “मेजर” किस दिशा में जा रही...

Samrat Prithviraj Review: भारतीय इतिहास में तनिक भी रुचि है तो सम्राट पृथ्वीराज न ही देखें

18 वर्ष की रिसर्च, देशभक्ति, बेजोड़ सेट और VFX, सब कुछ मिलाकर एक भव्य और बेजोड़ फिल्म तैयार हो सकती थी सम्राट पृथ्वीराज चौहान, पर तभी उसमें घुलमिल गया केमिकल सेक्युलरिज़्म और हो गया सारी मेहनत का...

यूरोप वैश्विक समाज का ठेकेदार न बने– जयशंकर ने यूरोप को छठी का दूध याद दिलाया

एक होते हैं वीर, फिर आते हैं भौकाल और फिर आते हैं सुब्रह्मण्यम जयशंकर। भय और प्रोटोकॉल इनके शब्दकोश में मानो है ही नहीं। कभी अमेरिका को हड़का देते हैं तो कभी यूरोप को स्पष्ट रूप से...

एम्बर हर्ड के विरुद्ध जॉनी डेप की विजय सिद्ध करती है– सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं

6 वर्ष, 6 वर्ष लगा एक पुरुष को न्याय प्राप्त करने में। ये कोई साधारण पुरुष नहीं था, एक चर्चित अभिनेता था, जिसे मिट्टी में मिलाने के लिए आरोपित से लेकर एक विशेष ईकोसिस्टम तक जुटा हुआ...

आमिर खान कलाकृतियों को बिगाड़ने में निस्संदेह एक परफेक्शनिस्ट हैं!

जांच परख के बाद अब समझ में आया है कि आमिर खान किस चीज में वास्तव में ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ कहलाने योग्य है। इस लेख में हम जानेंगे कि आमिर खान कैसे किसी भी अच्छी फिल्म को अपने...

जब हिमाचल के कटोच राजपूतों ने मुहम्मद बिन तुगलक को तबीयत से धोया था

आप सभी ने एक कहावत तो सुनी ही होगी कि अक्सर लोग कहते हैं, जो जीतता है, इतिहास वही बनाता है। ये सत्य है, और इसे सत्य सिद्ध करने में वामपंथियों ने अपने प्रयासों में कोई कमी...

मोदी सरकार चीनी फोन निर्माता कंपनियों के पीछे दाना पानी लेकर चढ़ गयी है

चीनी स्मार्टफोन कंपनियों के पीछे मोदी सरकार दाना पानी लेकर पीछे पड़ चुकी है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि ऐसा साफ-साफ प्रतीत हो रहा है। भारत के कानून को ठेंगा दिखाने की चीनी कंपनियां हिम्मत तो...

अहिल्याबाई होल्कर– भारत के सांस्कृतिक उद्धार में जिनका अतुलनीय योगदान है

निरंतर हमें वामपंथियों ने अपमानित करने हेतु हमारी संस्कृति को पितृसत्तात्मक यानि patriarchal एवं रूढ़िवादी, एवं अंधविश्वास से परिपूर्ण ठहराने का परिपूर्ण, भले ही खुद में लाख कमियाँ छुपी हो। परंतु उन्हे निरुत्तर करने के लिए हमारे...

लाल सिंह चड्ढा: 14 वर्ष लगे आमिर खान को ‘Ctrl C + Ctrl V’ करने में

“मेरी मम्मी कहती थी कि जिंदगी गोलगप्पे जैसी होंदी है। पेट भले ही भर जावे, मन नहीं भरता”। भई एक बात बताएं, बस इसके लिए अतुल कुलकर्णी और आमिर खान ने 14 वर्षों की ‘तपस्या’ की थी?...

प्रिय उदारवादियों, कम से कम अपने ‘आदरणीय बापू’ की बात तो सुन लो

किसी महापुरुष ने एक समय कहा था, “बेटे, जो मस्जिदें मंदिर तोड़कर बनायी गयी हैं, वे गुलामी की निशानी हैं”। इस पर हमारे लिबरल तुरंत ज्ञान देने लगेंगे। लेकिन अगर ये बात महात्मा गांधी ने कही हो,...

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