सभ्यता की आत्मा से आत्मनिर्भर भारत तक का रास्ता है “स्वदेशी”- लेकिन ‘ब्रांड प्रेमी’ हिंदुस्तानियों को स्वदेशी से जोड़ना चुनौती से कम नहीं
स्वदेशी केवल कोई आर्थिक विचार या व्यापारिक रणनीति नहीं है, बल्कि यह भारतीय सभ्यता की आत्मा है। यह हमारी सांस्कृतिक चेतना का वह सहज संस्कार है जो हमें बताता है कि सच्ची शक्ति बाहर से नहीं, बल्कि...