हनुमान भक्त मुलायम, परशुराम भक्त अखिलेश- पेश है हिंदुत्ववादी समाजवादी पार्टी
कहावत है कि जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है, आजकल उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी की स्थिति भी कुछ ऐसी ही हो गई है।...
कहावत है कि जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है, आजकल उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी की स्थिति भी कुछ ऐसी ही हो गई है।...
राजनीति में सबसे महत्वपूर्ण होता है कि राजनीतिक दल प्रतिद्वंदी के आक्रमणों का प्रतिउत्तर अपनी रणनीति के तुडीर में रखे, कब किस तीर को निकाल कर देना है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसकी सूझ-बूझ रखते...
जब प्रशासक नियमों को लेकर दृढ़ संकल्पित होता है तो हठधर्मिता का अंत स्वाभाविक है। आईटी नियमों के परिवर्तन में मोदी सरकार का दृढ़ संकल्प भी अब सफल हुआ है। Facebook और WhatsApp ने तो भारत सरकार...
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के चुनाव जीतने के बाद देश का पूरा विपक्षी वर्ग ये मानने लगा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को परास्त करने के लिए अगर कोई सबसे...
क्षेत्रवाद के नाम पर अराजकता फैलाकर राजनीतिक लाभ लेना कुछ राजनीतिक दलों की आदत बन गई है। तमिलनाडु-कर्नाटक के बीच कावेरी विवाद और शिवसेना का मराठी अस्मिता को लेकर आक्रामक रवैया सभी ने देखा है। ऐसे में...
देश की मुख्य राजनीतिक पार्टी कांग्रेस की प्रवृत्ति ऐसी है कि अगर राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति आग भड़काने और छोटे से मुद्दे को बड़ा बनाने से होती दिखे, तो पार्टी अस्थिरता फैलाने और मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने...
ओलंपिक में हॉकी टीम ने एक लंबे समय बाद बेहतरीन प्रदर्शन कर देश को कांस्य पदक दिलवाया हैं। ऐसे में हॉकी के प्रति देश में एक विशेष जोश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस जोश से अछूते...
पेगासस के मुद्दे पर देश की संसद में विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा अराजकता मचाई जा रही है। ऐसे में अब ये मामला देश की सर्वोच्च अदालत में भी पहुंच गया है। पेगासस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में...
मोदी सरकार को लेकर एक विशेष बात कही जाती है कि वो पुराने मामलों को दबाती नहीं है, बल्कि उनको हल करके पीड़ितों को न्याय दिलाने का प्रयास करती है। कुछ ऐसा ही 1984 में हुए सिख...
‘जहां सत्ता वहां पीके’, अगर ये कहा जाए तो शायद कुछ गलत नहीं होगा। स्वयं को सर्वश्रेष्ठ राजनीतिक रणनीतिकार मानने वाले प्रशांत किशोर के पैटर्न को देखें, तो ये कहा जा सकता है कि वो उन राजनेताओं...
5 अगस्त, एक ऐसी तारीख जिसने देश की दशा और दिशा को पूरी तरह से बदल दिया है। भारत के दो प्रमुख मुद्दों का हल होने का इतिहास इसी तारीख से जुड़ा है। ये दोनों ही ऐसे...
जब तक अपराध को जाति-धर्म के चश्मे से देखा जाता रहेगा, तब तक देश में सांप्रदायिक अस्थिरता बनी ही रहेगी। कुछ राजनीतिक दल तथा लेफ्ट ब्रिगेड अपराधियों के जाति एवं धर्म को ही आधार बना कर निशाने...
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