Prashant Pole

Prashant Pole

प्रशांत पोळ एक विख्यात विचारक, लेखक और सामाजिक विश्लेषक हैं, भारतीय इतिहास, संस्कृति और राष्ट्रवाद पर नियमित लेखन के अतिरिक्त उन्होने 'भारतीय ज्ञान का खजाना और Changing Bharat जैसी पुस्तकों के माध्यम से भारतीय चिंतन की गहराई को दर्शाया है।
साथ ही वो आई. टी. व टेलिकॉम के क्षेत्र में तकनीकी एवं प्रबंधन सलाहकार की भूमिका भी निभा रहे हैं
उनसे pp@prashantpole.com पर संपर्क किया जा सकता है

अंग्रेज़ और न्यायपूर्ण शासन ? गुलाम मानसिकता में जीने वालों को अब अपनी आंखों से औपनिवेशिक पट्टी हटा लेनी चाहिए

ज्ञात इतिहास में भारत पर आक्रांताओं के रूप में आने वालों में शक, हूण, कुषाण, मुसलमान, डच, पोर्तुगीज, फ्रेंच, अंग्रेज़ आदि प्रमुख हैं। इन में सबसे ज्यादा समय तक भारत के विभिन्न हिस्सों पर शासन किया, विभिन्न...

भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

अगले कल अर्थात शनिवार 9 अगस्त को 'विश्व मूलनिवासी दिवस', विश्व के कुछ हिस्सों मे मनाया जाएगा। वामपंथियों ने, 'फॉल्ट लाईन चौडी करने' की रणनीति के अंतर्गत, उसे भारत मे भी मनाने का प्रयास किया, जिसे दुर्भाग्य...

बलूचों का संघर्ष भाग-1: पाकिस्तान ने कैसे छीनी बलूचिस्तान की आज़ादी?

बलूचिस्तान...पाकिस्तान का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है। पाकिस्तानी जमीन का 44% हिस्सा समेटने वाला, लेकिन सघन बसाहट नहीं है। इसलिए जनसंख्या के मामले में पिछडा हुआ है। सवा करोड़ के लगभग आबादी, समंदर को...

भारत में हुई थी शतरंज और लूडो की खोज, यहीं है सबसे पुराना स्टेडियम: जानिए दोनों खेलों का प्राचीन इतिहास

सामान्य रूप से हमारे देश में ऐसा माना जाता है कि विश्व में खेले जाने वाले अधिकतर प्रसिद्ध खेलों का प्रारंभ पश्चिम के देशों में विशेषतः यूरोप मे हुआ है। वहीं पर ये खेल विकसित भी हुए।...