TFI Desk

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PM मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन: अब तक राष्ट्र के नाम अपने औचक संबोधनों में क्या बोले हैं प्रधानमंत्री?

नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से लगातार 13 बार राष्ट्र को संबोधित कर चुके हैं, यही नहीं वो संसद के भाषणों, चुनावी सभाओं या फिर अन्य सार्वजनिक मौकों पर भी जनता से संवाद का कोई...

UN में फेल हुई पाकिस्तान-चीन की साजिश, बलूच मुद्दे पर अमेरिका ने लगाया वीटो, जानें भारत के लिए इसके मायने?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान और चीन की संयुक्त कोशिश नाकाम हो गई। दोनों ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसकी आत्मघाती इकाई मजीद ब्रिगेड को अल-कायदा/आईएसआईएल से जुड़ा “वैश्विक आतंकी संगठन” घोषित करने का...

चुनाव आयोग का पलटवार: राहुल गांधी के आरोप झूठे, हार की हताशा में उठाई उंगली

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर चुनावी संस्थाओं पर सवाल उठाने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,018 वोट फर्जी तरीके...

बथानी टोला नरसंहार: बिहार के जंगलराज का सबसे काला सच

जुलाई की उमस भरी शाम थी। बक्सर ज़िले के सहार थाना क्षेत्र का छोटा-सा गाँव बथानी टोला हमेशा की तरह अपनी धीमी रफ़्तार में था। गरीब दलित और मुस्लिम मज़दूर दिनभर खेतों में काम करके लौटे थे।...

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

दिल्ली की अदालत में सोमवार सुबह का दृश्य किसी ऐतिहासिक मुकदमे जैसा था। खचाखच भरे कक्ष में वकीलों की फुसफुसाहट और दर्शकों की उत्सुक निगाहें साफ कर रही थीं कि फैसला आने वाला है। मामला था वक्फ़...

“डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ को मंजूरी दी, तो यह केवल कागज़ पर हुआ प्रशासनिक बदलाव नहीं था। यह उस लंबे संघर्ष की परिणति थी जिसमें भारत दशकों से उलझा रहा है-विदेशी...

मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

मणिपुर की पहाड़ियों और घाटियों में डेढ़ साल से पसरे तनाव का धुंधलका देश ने न सिर्फ़ महसूस किया था, बल्कि उसकी टीस को अपने भीतर भी जिया था। 2023 की हिंसा ने इस छोटे से राज्य...

तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

काठमांडू की पतली गलियों में जब युवा नारों के साथ सड़कों पर उतरे थे, तब किसी ने नहीं सोचा था कि कुछ ही दिनों में नेपाल की राजनीति इस कदर बदल जाएगी। संसद भंग हो चुकी थी,...

बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

भारतीय राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप आम हैं, लेकिन उसकी भी एक सीमा होती है। विरोध का स्वर तेज हो सकता है, भाषा तल्ख हो सकती है, लेकिन परिवार के दिवंगत सदस्यों को निशाना बनाना अब तक अकल्पनीय माना...

मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

11 सितम्बर 1950। महाराष्ट्र के चंद्रपुर की गलियों में जन्मा एक बालक आने वाले समय में भारतीय समाज और राजनीति की सबसे महत्वपूर्ण आवाज़ बनेगा, यह शायद किसी ने सोचा भी न होगा। पिता प्रचारक थे, घर...

नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

भारत की राजनीति में विपक्ष का सबसे बड़ा सपना नरेंद्र मोदी को सत्ता से बेदखल करना है। लेकिन पिछले एक दशक ने बार-बार साबित किया है कि यह सपना हर बार ध्वस्त होता है। कांग्रेस और उसके...

पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

दिल्ली की गलियों में कुछ हफ़्तों से चर्चा थी-क्या संघ और भाजपा के बीच सब कुछ ठीक नहीं? विपक्ष को तो जैसे मुद्दा मिल गया था। खासकर जब मोहन भागवत ने कहा कि “75 की उम्र में...

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