Vibhuti Ranjan

Vibhuti Ranjan

“गवांर हो तभी बॉर्डर पे भेज दिए गए हो”: सैनिकों का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान

दिल्ली की गलियों में चर्चा का नया विषय सोशल मीडिया पर उभर आया। एक बैंक कर्मचारी की रिकॉर्डिंग ने देश भर के लोगों की राष्ट्रीय भावनाओं को झकझोर दिया। रिकॉर्डिंग में भारतीय सैनिकों के प्रति निंदात्मक और...

“पाकिस्तान घर जैसा है”: सैम पित्रोदा और कांग्रेस की पाकिस्तान नीति पर विवाद

सप्ताह की दोपहरी में दिल्ली की सियासी गलियों में अचानक हलचल बढ़ गई। मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया पर हर तरफ़ वही सवाल गूंज रहा था—“सैम पित्रोदा ने पाकिस्तान को घर जैसा क्यों कहा?” यह बयान केवल...

डोगराई: जब 3 JAT ने लाहौर की चौखट हिला दी

युद्ध की शुरुआत में, 6 सितंबर को ही 3 JAT ने डोगराई पर हमला कर पाकिस्तान को चौंका दिया। उन्होंने न केवल कस्बा क़ब्ज़ा किया बल्कि इच्छोगिल नहर भी पार कर ली। यह पल भारतीय सेना के...

शंकरबिघा नरसंहार: एक गांव की रात, टूटे हुए गवाह और बिखरता न्याय

जनवरी 1999 की वह ठंडी रात थी। औरंगाबाद ज़िले के अरवल अनुमंडल के छोटे-से गांव शंकरबिघा में लोग सामान्य दिनचर्या के बाद सो चुके थे। झोपड़ियों में टिमटिमाती लालटेन, बच्चों की मासूम नींद और खेतों से लौटे...

पाकिस्तान की ‘हंगोर सबमरीन’ डील: चीन की कमाई, फौज की मलाई और जनता पर बोझ

पाकिस्तान इन दिनों अपनी आठ नए हंगोर-क्लास सबरीन्स की डील को अपनी नौसेना की ऐतिहासिक उपलब्धि की तरह पेश कर रहा है। हजारों करोड़ रुपये की इस भारी-भरकम डील को पाकिस्तान की "समुद्री ताक़त के पुनर्जागरण" का...

जैश के बाद लश्कर ने भी खोली पाकिस्तान की पोल, आतंक की फैक्ट्री का सच उजागर, देखें वीडियो

भारतीय सेना का 7 मई का हमला पाकिस्तान के लिए सिर्फ एक सैन्य झटका नहीं था, यह उसकी दशकों पुरानी रणनीति की पोल खोलने वाला प्रहार भी साबित हुआ। पाकिस्तान की सरकार और सेना ने जिस कार्रवाई...

फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

दिसंबर 1937 की ठंडी सुबह। महाराष्ट्र का छोटा-सा कस्बा फ़ैज़पुर उस दिन भारत की राजनीति का केंद्र बन गया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहली बार अपना अधिवेशन किसी गांव की मिट्टी पर बुलाया था। खेतों से...

सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

पाकिस्तान इस समय जिस तथाकथित “रणनीतिक रक्षा समझौते” का ढोल पीट रहा है, उसकी असलियत कुछ और है। इस्लामाबाद इसे ऐसे पेश कर रहा है मानो सऊदी अरब ने भारत के खिलाफ उसके लिए सुरक्षा गारंटी जारी...

पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

पाकिस्तान का जन्म ही असुरक्षा और कट्टरता की ज़मीन पर हुआ था। 1947 के बाद से ही उसने अपनी राजनीतिक असफलताओं को छुपाने और जनता का ध्यान भटकाने के लिए “भारत-विरोध” को अपनी राष्ट्रीय पहचान बना लिया।...

यूएन में भारत का प्रहार: पाकिस्तान की असफलता और भारत की मजबूती का खुलासा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की फ़र्श पर जब भारतीय स्थायी प्रतिनिधि ने अपनी आवाज़ उठाई, तो वहाँ जो सिर्फ़ कूटनीतिक भाषण होना था, वह एक निर्णायक मोमेंट बन गया। पर्वतनेनी हरीश ने उस मंच से साफ़, निर्णायक...

अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

दुनिया का इतिहास अक्सर विजेताओं के शब्दों में लिखा गया है। लेकिन कभी-कभी, अगर हम गहराई से देखें तो इस इतिहास की तहों में रक्त, हिंसा और असीमित लालसा के धब्बे दिखाई देते हैं। अमेरिका, जिसे आज...

जंगलराज : लालू-राबड़ी राज की स्याह विरासत

बिहार की राजनीति में जब “जंगलराज” शब्द उभरा, तो यह किसी विपक्षी नेता की गढ़ी हुई परिभाषा नहीं थी। यह उस दौर की सच्चाई थी, जिसे आम लोग रोज़ महसूस कर रहे थे। 1990 के दशक में...

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