14 अगस्त: अखंड भारत संकल्प दिवस
“भारत आज से नहीं, युगों-युगों से है”, यह वाक्य केवल एक भाव नहीं, बल्कि उस ऐतिहासिक चेतना का प्रतीक है, जो भारत को केवल एक भौगोलिक सत्ता नहीं, बल्कि एक जीवंत सांस्कृतिक सत्ता के रूप में देखता...
विशाल नड्डा न सिर्फ राजनीति के विभिन्न कारकों पर पैनी नजर रखते हैं, बल्कि वो सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं, राजनीतिक मनोविज्ञान, धर्म-संस्कृति जैसे विषयों पर उनकी रुचि लेखन के क्षेत्र में भी खींच लाई है.
उनसे vishalnadda82@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है
“भारत आज से नहीं, युगों-युगों से है”, यह वाक्य केवल एक भाव नहीं, बल्कि उस ऐतिहासिक चेतना का प्रतीक है, जो भारत को केवल एक भौगोलिक सत्ता नहीं, बल्कि एक जीवंत सांस्कृतिक सत्ता के रूप में देखता...
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