ज्ञान

‘महाराष्ट्र के मुखिया’: ‘गुरु’ की पीठ में छुरा घोंप पहली बार बने CM, पीते थे खुद का पेशाब: कहानी शरद पवार की

महाराष्ट्र में बीते कुछ वर्षों में राजनीतिक पार्टियों में टूट का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ कि लोग भ्रमित हो गए कि कौन नेता...

के करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी… समझिए आखिर बिहार में ही क्यों होती है छठ पूजा, प्रकृति के 8 रूप और गीतों की महिमा

आखिर बिहार में ही छठ क्यों होता है? भारत और विश्व में सूर्य के कई क्षेत्र हैं, जो आज भी उन नामों से...

शीर्ष देश अपनी मातृभाषा में ही कर रहे सारा काम, समझिए शिक्षा और अनुसंधान में क्यों ज़रूरी है अपनी भाषा

शिक्षा स्वयं में एक क्रिया भी है तथा संस्था भी। अपने व्युत्पत्तिमूलक अर्थ में यह संस्कृत की 'शिक्ष्' धातु में 'अ' प्रत्यय लगाने...

‘महाराष्ट्र के मुखिया’: वसंतदादा पाटील की कहानी, जिन्होंने कम पढ़े लिखे होने के बावजूद महाराष्ट्र को दिखाई शिक्षा की राह

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों की इस सीरीज में आज हम बात करेंगे वसंतराव बंडूजी पाटील उर्फ वसंतदादा पाटील की जो ना केवल एक दिग्गज...

वनवास के दौरान जहाँ रुके थे श्रीराम-लक्ष्मण-सीता, वहाँ आज हिन्दुओं को पूजा तक का अधिकार नहीं: पाकिस्तान ने मंदिर को बना दिया ‘सेल्फी हाउस’

प्रत्येक सनातनी के लिए भगवान और मंदिर हमेशा ही पहले स्थान पर रहे हैं। भारत में हर 10 किलोमीटर पर कोई न कोई...

हजारों करोड़ रुपयों की इंडस्ट्री, पिछड़ी जातियों को मिलता है रोजगार: दीवाली के पटाखों को गाली, न्यू ईयर पर चुप्पी

पटाखा, पटाखा पटाखा... कौन सा पटाखा? दीवाली वाला। क्योंकि, कुछ लोगों की नज़र में क्रिसमस से लेकर न्यू ईयर तक के जो पटाखे...

‘महाराष्ट्र के मुखिया’: राज्य के चौथे मुख्यमंत्री शंकरराव की कहानी; जिन्हें कहा जाता है ‘आधुनिक युग का भगीरथ’

1972 के चुनावों में बेशक महाराष्ट्र में कांग्रेस की जीत हुई लेकिन पार्टी में विद्रोह शुरु हो गया था। 1974 में हुए लोकसभा...

‘महाराष्ट्र के मुखिया’: सबसे लंबे समय तक महाराष्ट्र के CM रहे वसंतराव नाईक की कहानी, कई दशक बाद भी नहीं टूटा रिकॉर्ड

महाराष्ट्र के दूसरे मुख्यमंत्री मारोतराव कन्नमवार का 24 नवंबर 1963 को पद पर रहते हुए निधन हो गया और उसके बाद परशुराम कृष्णजी...

‘महाराष्ट्र के मुखिया’: अखबार बेचने वाला लड़का बन गया महाराष्ट्र का दूसरा CM, कहानी ‘दादासाहेब’ कन्नमवार की

महाराष्ट्र की गठन के बाद यशवंतराव चव्हाण राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे और चीन व भारत के 1962 के युद्ध के बाद...

‘महाराष्ट्र के मुखिया’: जिसने पास नहीं थे पढ़ने के पैसे वो कैसे बना राज्य का पहला CM, कहानी यशवंतराव चव्हाण की

1947 में आजादी के बाद जहां भारत में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं के साथ नए देश के निर्माण की नींव रखी जा...

लक्ष्मी निवास पैलेस: बड़ौदा रियासत की शान ओ शौक़त का प्रतीक महल, जिसके वास्तुकार ने कर ली थी आत्महत्या

19वीं सदी की शुरुआत की बात है, भारत में अंग्रेजों का शासन था और राजाओं-महराजाओं का दौर था। उसी राजसी दौर में एक...

अंधे थे, लेकिन नेत्र ईश्वर को देखते थे… कुएँ में गिरे तो श्रीकृष्ण ने दिया दर्शन, ठुकरा दिया था अकबर का प्रस्ताव

मध्यकाल के पूर्वार्द्ध, अर्थात भक्तिकाल में जब कृष्ण भक्त कवियों की चर्चा की जाती है तो सूरदास का नाम सबसे पहले आता है।...

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