ज्ञान

क्षेत्रीय भाषाओं को राजकीय भाषा और संस्कृत को राष्ट्रीय भाषा के रुप में स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है

भाषा का सांस्कृतिक और प्रशासनिक महत्व है। यह आपको सांस्कृतिक और पारंपरिक रूप से समृद्ध तथा प्रशासनिक कार्यों को सुगम व सरल बनाता...

स्वामी रामतीर्थ: एक ऐसे हिंदू धर्मगुरु जिनके बारे में सनातनियों को तनिक भी आभास नहीं है

आम लोग धर्म और समाज को मानते हैं पर कुछ लोगों को 'धर्म और समाज' मानने लगता है। ऐसे लोग समाज की थाती...

‘पृथ्वी की उत्पत्ति कैसे हुई?’, भारत में मिला उल्कापिंड आखिरकार इस सवाल का जवाब दे सकता है

जी हां!!! आपने बिलकुल सही सुना। 22 मई 2012 को नागपुर के कटोल शहर में दोपहर को आकाश, गर्जनाओं और अग्निशिलाओं से दीप्तिमान...

दुनिया में नवरात्रि जैसा कोई पर्व नहीं, ये भक्ति के साथ नारी शक्ति के सम्मान का पर्व है

एक साल में कुल 4 बार नवरात्र आते हैं, जिनमें से शारदीय और चैत्र नवरात्र का महत्व सबसे अधिक होता है। इस साल...

1967 चो ला का युद्ध: जब भारत ने चीन को ऐसा धोया कि माओ को मुंह छिपाना पड़ गया था

कहने को चीन और पाकिस्तान भिन्न देश हैं, भूगोल की दृष्टि से भी, और संस्कृति की दृष्टि से भी। परंतु जब विचारधारा और...

पेशवा माधवराव भट्ट– भारतवर्ष का आधुनिक स्कंदगुप्त जिसने मराठा साम्राज्य को खंडित होने से बचाने का प्रयास किया

पेशवा माधवराव भट्ट : 14 जनवरी 1761– यह वो दिवस था जब अखंड भारत को उसका तीसरा सबसे भीषण आघात लगा। जितना बड़ा...

मैडम भीकाजी कामा– वह वीरांगना जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता की ज्योति विदेश में भी प्रज्वलित की

इतिहास ऐसे अनेक वीरों और वीरांगनाओं से भरा हुआ है, जिन्होंने माँ भारती को स्वतंत्र करने हेतु अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया, परंतु...

चीन के प्रति नेहरू की निस्स्वार्थ सेवा के लिए उन्हें चीन का सर्वोच्च सम्मान “The Medal of the Republic” मिलना चाहिए

भारत के एक ऐसे प्रधान मंत्री जिन्हें दुश्मन देश पाकिस्तान से वहाँ का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'निशान-ए-पाकिस्तान' से सम्मानित किया था। क्या आपको...

महान सम्राट कुमारगुप्त की विरासत शंखलिपि के रुप में आई सामने

पाश्चात्य, आधुनिकता, आक्रांता, और वामपंथी दुष्चक्र !!! इस दुष्चक्र से सृजित हुई है कई सांस्कृतिक विस्मृति और ऐतिहासिक विकृति। हमारे पूर्वजों के पाठ...

सभी हिंदूओं को श्राद्ध क्यों मनाना चाहिए?

श्राद्ध पूर्वजों के पुण्य और प्रतिष्ठा में पीढ़ियों द्वारा बढ़ोतरी कर मोक्षद्वार तक पहुंचाने की एक धार्मिक परंपरा है। मोक्ष, मृत्यु और पुनर्जन्म...

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