चर्चित

प्रिय संजय राउत, आक्रामकता केवल शक्तिशाली को ही सूट करती है आप पर नहीं

जब हाथों से चीजें फिसलने लगती हैं तो आमतौर पर लोग बौखला जाते हैं। इसी बौखलाहट में कुछ लोग बेफिजूल का गुस्सा दिखाने...

‘बुझती लौ ज़्यादा फड़फड़ाती है’ वरुण गांधी को देखकर ‘नैतिकता’ से भरोसा ही उठ जाता है

विवाद, तकरार और वरुण गाँधी पुराने और घनिष्ठ मित्र रहे हैं. एक दूजे के बिना अधूरे. इसलिए तो जहाँ वरुण हों वहां कोई...

‘मैं देवेंद्र गंगाधरराव फडणवीस ईश्वर की..’ एक हफ्ते में मुख्यमंत्री बनने जा रहा है ‘स्वयंसेवक’

यही रात अंतिम, यही रात भारी। शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार के लिए इन दिनों हर रात अंतिम और हर रात भारी प्रतीत हो...

मरता हुआ ड्रैगन मित्रता का प्रस्ताव लेकर भारत के सामने गिड़गिड़ा रहा है

भोजपुरी में एक कहावत है 'आटा मड़ले आ दुष्ट कड़ले, ठीक रहेला।' कहने का तात्पर्य है की ‘आटे को जितना गूंथेंगे और दुष्ट...

तो इसलिए हमें भारत के राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मु की आवश्यकता है

किसी भी वर्ग के उत्थान के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है कि उसे समाज में वरीयता दी जाए। भारत में ऐसा अमूमन कम...

बाला साहेब ठाकरे द्वारा बनाई गई ‘लक्ष्मण रेखा’ को पार करना ही उद्धव सरकार के पतन की शुरुआत थी

महाविकास अघाड़ी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी हैं। महज ढाई साल के भीतर ही उद्धव का किला ध्वस्त होने की कगार...

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