'हिंदू सभ्यता' के लिए खोज परिणाम

ह्यू जैकमैन और अन्य सितारे जो वैदिक परम्पराओं से हैं बेहद प्रभावित

वेद और उपनिषद जैसे हिंदू ग्रंथों ज्ञान में ज्ञान का भंडार है या यूं कहे कि ये ज्ञान, प्रेरणा, अंतर्ज्ञान, काव्य, दर्शन, विज्ञान और दृष्टि का आदि का संगम है। वेदों का ज्ञान शाश्वत है। हिंदू धर्म में कई ...

इतिहास में ये लिखा जाना चाहिए कि औरंगजेब ने जबरन कश्मीरी पंडितों का कराया था धर्म परिवर्तन : सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सच बोलने के लिए जाने जाते हैं चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। सच की ओर उनका झुकाव बीते कल एक बार फिर से देखने को मिला है। ...

एक बार फिर साबित हो गया, ये धर्मनिरपेक्षता के नहीं बल्कि भगवा के खिलाफ है

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है जिसमें स्वामी नामदेव त्यागी, भय्यूजी महाराज, नर्मदानंदजी, हरिहरनंदजी और पंडित योगेंद्र महंत शामिल हैं। कांग्रेस और मुख्यधारा की मीडिया इसके बाद तुरंत सक्रिय हो गयी। ...

सौ मीटर ऊँचे भगवान श्री राम की प्रतिमा देखने में कैसा लगेगा? सपना साकार होने वाला है

मराठी कवि जी.डी. मदगुलकर द्वारा संगीतबद्ध और सुधीर फड़के द्वारा गाया गया गीत रामायण मराठी साहित्य में एक विशेष स्थान रखता है। यह महाकाव्य रामायण का वर्णन करते 56 गीतों से बना है। आलोचनात्मक रूप से भी प्रशंसित गीत ...

सिर्फ विकास नहीं ध्येय योगी आदित्यनाथ का, इनकी सोंच दूर की है

18 मार्च 2017। वर्षों बाद उत्तर प्रदेश के राजनैतिक सरजमीं पर राष्ट्रवादी राजनीति का सूरज खिल उठा था, जब विजेता दल, भारतीय जनता पार्टी ने सर्वसम्मति से गोरक्षनाथ पीठ के महंत और प्रखर हिंदूवादी एवं राष्ट्रवादी नेता, श्री अजय ...

संजय लीला भंसाली पर हुए हमले की हम भर्त्सना करते हैं मगर…

राजस्थान में फ़िल्म 'पद्मावती' की शूटिंग के दौरान स्थानीय राजपूत संगठन ने कथित तौर पर फ़िल्म के निर्देशक और टीम पर हमला किया। कहा तो यह भी जा रहा क़ि निर्देशक संजयलीला भंसाली को दो-चार थप्पड़ भी जड़ा गया ...

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देशद्रोह की दूकान खोलना कितना जायज़ है?

मानवीय गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ज़रूरी माना गया हैं. नागरिकों के नैसर्गिक अधिकारों के रूप में उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं को संरक्षित करना, ताकि मानव के व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास हो सके और उनके ...

बारह साल के बच्चियों की बोली लगाने वाली बसपा की घिनौनी राजनीति

आज कल की मीडिया कालिख से ढके उस तवे की तरह है जिसका असली रंग तब तक नहीं दीखता जब की उसे अच्छी तरह से खुरच खुरच के साफ़ नहीं किया जाए. ठीक वैसे हीं, आज कल जितनी भी ...

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