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कर्नाटक में ऐसे सुनिश्चित हुआ सिद्धारमैया का पतन

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना के रुझानों के सामने आने के बाद बीजेपी की जीत तय हो चुकी है जिससे कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बड़ा झटका लगा है। ऐसा हो भी क्यों न वो अपनी जीत को ...

कांग्रेस और जेडी (एस) के कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक चुनाव से पहले किया नकदी वितरण

शनिवार को कर्नाटक के नागरिकों ने वोट देकर पांच सालों तक के लिए अपने नेता का चयन किया। आम जनता समेत राज्य के प्रतिष्ठित लोग भी वोट देने के लिए मतदान केंद्र पहुंचे थे। आध्यात्मिक नेता से लेकर आर्ट ...

कोरेगांव में हुई हिंसा की पीछे का पूरा सच ये रहा

1947 को भले ही अंग्रेजों से हमें आजादी मिल गयी हो लेकिन अंग्रेजों की “फूट डालो और राज करो” कि नीति से आज भी देश जूझ रहा है। 200 साल तक अंग्रेजों इसी तरह हमें आपस में बाँट कर ...

गुजरात चुनाव परिणाम: आरक्षण आधारित राजनीति की वापसी

गुजरात में एक कड़ी टक्कर के बाद आखिरकार भाजपा को जीत हासिल हुई। हालाँकि, भाजपा 150 सीटों के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल रही, जो उसने खुद के लिए निर्धारित किया था और भाजपा को गुजरात में ...

मोदी जी ने बिना बोले पहले केजरीवाल के पर काटे, अब शत्रुघ्न सिन्हा की बारी है

प्रधानमंत्री मोदी भारतीय राजनीति के मंजे हुए खिलाडी है उन्हें ये भलीभांति पता होता है की उन्हें कब बोलना है, कितना बोलना है, क्या बोलना और कब नहीं बोलना है। जब उन्हें विरोधियों पर वार करना होता है तो ...

नेहरु ने सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार को रोकने का हर संभव प्रयास किया. पर वह हार गया

सौराष्ट्र में वेरावल के निकट प्रभास पाटन पर सोमनाथ मंदिर एक ऐसा स्थान है जो आज धर्म की जीत के प्रतीक के रूप में स्थित है, यह एक ऐसा मंदिर है जो यह दर्शाता है कि बुराई की ताकत ...

वो सब तो ठीक है लेकिन झूठ खबर फैलाने वाले मुद्दे पर रवीश कुमार सफाई कब देंगे?

रविश कुमार को एक निडर, स्मार्ट और प्रख्यात पत्रकार के रूप में जाना जाता है, जो किसी भी प्राधिकारी से किसी भी तरह के सख़्त सवाल पूछने का साहस रखता है। रविश कुमार का सबसे प्रतिष्ठित और संभवतः सबसे प्रसिद्ध ...

पहले मुझे योगी आदित्यनाथ के आलोचकों पर क्रोध आता था, फिर थोड़ी जांच की.. अब पता चला…ऐसा क्यों

तवलीन सिंह की सबसे उत्र्कृष्ट विशेषताओं में से एक ये है की वो न सिर्फ सत्ता की, बल्कि प्रधानमंत्रियों और उनके मंत्रियों के अंदरूनी सर्कल के चापलूस सदस्यों की कड़वी आलोचक रही है। मसलन राजीव गांधी के उपलक्ष्य में ...

अरे टीपू भैया, सोचना पहले चाहिए था, अब आग क्यों लग रही है?

राजनीती में छवि बनाने-बिगाड़ने का खेल कितना सतत है, इसका ताज़ा उदाहरण मिला 19 मार्च के बाद, जो मीडिया योगी आदित्यनाथ के आगे विवादास्पद का विशेषण जोड़े बिना एक वाक्य नहीं बोल पाता था, उत्तराखंड से लेकर गोरखपुर तक ...

उत्तर प्रदेश चुनाव 2017: किसमे कितना है दम ?

जैसा मैं हमेशा से कहता हूँ उलझा हुआ उत्तर प्रदेश, इतना उलझा कि बड़े-बड़े चुनावी विश्लेषकों को यहाँ के मतदाताओं का मूड समझ में नहीं आता। उत्तर प्रदेश सभी राजनीतिक दलों के लिए चुनौती रहा है, चाहे वो राष्ट्रीय ...

नितीश जी, आप हमें बिहारी नहीं बाहरी लगते हैं

नितीश जी प्रणाम, ये एक बिहारी का अपने मुख्यमंत्री को प्रणाम है, इसलिए नहीं किये हैं की आप एक बेहतरीन मुख्यमंत्री हैं। हम तो ई लागी प्रणाम किये कि आजतक आप से बड़का अहंकारी व्यक्ति हम नहीं देखे हैं। ...

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