पीएम मोदी ने 29 जून के भाषण में 4 बड़ी गलतियाँ की थी
एनडीए सरकार के तीन सालों में एक बात तो साफ है, मीडिया के प्रपंचों को रोकने में भाजपा को कोई सफलता नहीं मिली है। हर बार, बारंबार, इनहोने मीडिया में फैले इनके खिलाफ विष को हटाने के लिए अपने ...
एनडीए सरकार के तीन सालों में एक बात तो साफ है, मीडिया के प्रपंचों को रोकने में भाजपा को कोई सफलता नहीं मिली है। हर बार, बारंबार, इनहोने मीडिया में फैले इनके खिलाफ विष को हटाने के लिए अपने ...
जिस मोदी सरकार को हाल में वीआईपी और वीवीआईपी की सूची बढ़ाने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था, उसी ने गृह मंत्रालय के दृष्टि में आने वाले तकरीबन 42 लोगों के सुरक्षा क्षेत्र को कम किया है। ...
हाल ही में प्रकाशित मीडिया रेपोर्टों के अनुसार गृह मंत्रालय आतंकियों और अलगाववादियों के खिलाफ अपने युद्ध को अगले स्तर तक ले जाने को तैयार है। इसी उपलक्ष्य में केंद्र सरकार एक नई सोश्ल मीडिया नीति की घोषणा करेगी, ...
भारत और इज़राइल में काफी कुछ समान है। दोनों को कृत्रिम रेखाओं से धर्म के आधार पर खींचा गया। दोनों कट्टर शत्रु समान पड़ोस से घिरे हुये हैं, जिनका एक ही उद्देश्य है, इनकी बरबादी। दोनों ने अपने पड़ोसियों ...
जब श्री मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब हमें कोई संदेह नहीं था की यह कठपुतली का नाटक चल रहा है, जिसे कभी कहीं दुनिया में नहीं देखा गया था। आतंकवादियों से संधि करने में इस पार्टी का सच में ...
अभी सिर्फ पिछले हफ्ते ही दिल्ली ने अफ़ग़ानिस्तान से विकसित हो रहे दिल्ली काबुल एयर कॉरिडॉर के रास्ते माल का पहला बेड़ा आते देखा। दूरी भले ही हजारों मीलों की हो, पर इन दो देशों के दिलों में बढ़ती ...
चाणक्य से कालजयी राजनीतिज्ञ शायद ही इस दुनिया में कहीं पैदा हुआ होगा। जब उन्होने यह कहा था ‘बाहरी शत्रु से सीमा की सुरक्षा सरल है, परंतु अगर सीमा के अंदर देशद्रोही हो, तो कोई भी आपके देश को ...
भाई, हमें भी पता है कितने सैकड़ों लेख छापे जा चुके हैं भारत की आईसीसी चैम्पियन्स ट्रॉफी फ़ाइनल में पाकिस्तान के हाथों 180 रन की शर्मनाक हार पर। कई मुद्दो पर बहस हुई है, जैसे बचकानी कप्तानी, घटिया गेंदबाजी ...
एक बार फिर मोदी–शाह की गूगली ने अपने फैसले से सब को चौंका दिया क्योंकि पिछले 5 महीने के भीतर-भीतर मोदी-शाह का यह दूसरा सबसे बड़ा फैसला है। इसके पहले योगी आदित्यनाथ को अचानक से मुख्यमंत्री घोषित कर सभी ...
स्वतंत्र सिनेमा बॉलीवुड के लिए कोई नई बात नहीं है। उस समय से लेकर, जब कभी वामपंथ से प्रेरित चेतन आनंद की फिल्म ‘नीचा नगर’ ने कांस फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरुस्कार जीता था, वर्तमान काल में, ...
कश्मीर में अतंकावाद को हवा देने और इस्लामिक आतंकवादियों को वैचारिक समर्थन देने के लिये भारतीय मीडिया ने सोशल मीडिया को हथियार बनाते हुये कुछ पोस्टर बॉयज बनाये थे। यह सिलसिला बुरहान वानी से शुरू हुआ था। इन पोस्टर ...
पश्चिम बंगाल किसी जमाने में देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हुआ करता था और इसकी राजधानी पूरे देश के लिए आर्थिक राजधानी थी | जब देश के बाकी हिस्सों में रेल की भी सुविधा नही थी, यहां ...
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