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JNU की हवा ही कुछ ऐसी है, संघी ने भी रंग बदल लिया

कहा गया है न, जैसी संगत वैसी रंगत! एकदम सही कहा गया है। यूं तो ऐसा कहा जाता रहा है कि एक शिष्य को अपने गुरु के गुणों को आत्मसात करना चाहिए पर जेएनयू क्योंकि अपने में ही एक ...

आखिरकार शाहबाज शरीफ भारत के साथ ‘स्थाई शांति’ क्यों चाहते हैं?

इस वर्ष भारत और पाकिस्तान ने अपने आजादी के 75वीं वर्षगांठ मनाई। भारत और पाकिस्तान दोनों ही स्वतंत्रता के 75 साल पूरे कर चुके हैं। परंतु इन 75 सालों में जहां भारत ने स्वयं को ऊंचाईयों पर पहुंचा लिया, ...

क्या अमेरिका और रूस के बीच पूर्ण परमाणु पैमाना ICE युग के द्वार को खोल सकता है ?

देखा जाए तो पिछले कुछ समय से विश्व में अशांति बढ़ रही है। वर्तमान समय में कई देश एक दूसरे के आमने सामने खड़े है। रूस और यूक्रेन के बीच तो महीनों से युद्ध जारी है। वहीं अमेरिका और ...

बिट्टा कराटे की पत्नी, प्रोफेसर्स, वैज्ञानिक समेत कईयों को नौकरी से निकाला गया

मोदी सरकार जम्मू कश्मीर की दशा और दिशा बदलने की ओर कदम बढ़ा चुकी है. इस केंद्रशासित प्रदेश के विकास हेतु कई बड़े फैसले लिए जा चुके हैं, कई योजनाएं लागू की जा चुकी है. प्रदेश में शांति स्थापित ...

जन्मदिन विशेष: विक्रम साराभाई की मौत आज भी रहस्य क्यों है?

11 जनवरी 1966 और 24 जनवरी 1966, इन दोनों दिनों में क्या समानता है? इन दोनों दिन, भारत के दो विख्यात व्यक्ति, हमारे माटी को त्याग कर परलोक सिधार गए और वो भी रहस्यमयी परिस्थितियों में, भारत की माटी ...

गुमनायक नायक: बंगाल के वे क्रांतिकारी जो मुख से नहीं बल्कि बंदूकों से जवाब देते थे

बंगाल का पतन हो चुका है! बंगाल किसी योग्य नहीं! बंगाल की संस्कृति विनाश की ओर अग्रसर है! बंगाल में अब पहले जैसे लड़ाके नहीं! ऐसे नाना प्रकार के कथन और तथ्य आपने कहीं न कहीं अवश्य देखे, पढ़े ...

गुमनायक नायक: बंगाल के ‘वास्तविक टाइगर’ बाघा जतिन की कहानी

जब कोई आपसे शुद्ध बांग्ला में कहे, “आमरा मोरबो, जगत जॉगबे” तो आपकी प्रतिक्रिया क्या होती? आप कहते – पागल हो क्या, हमारे मरने से क्या होगा? परंतु एक मतवाले ऐसे भी थे, जिनके प्रभाव, जिनके शौर्य से उनके ...

शक्तिकांत दास: वो व्यक्ति जिनके बारे में कोई बात नहीं करता लेकिन वो प्रशंसा के योग्य हैं

हाल के समय में भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर खूब टीका टिप्पणी की जाती रही है, विशेषकर कुछ बुद्धिजीवी वामपंथी बंधु तो राग अलापते थकते नहीं कि देश की अर्थव्यवस्था औंधे मुंह है और देश त्राहिमाम कर रहा है। ...

AMU में अब ‘इस्लामिक कट्टरपंथ’ की जगह सनातन पाठ पढ़ाया जाएगा

परिवर्तन संसार का नियम है पर ऐसा परिवर्तन जो सोच से परे हो यदि वो कल्पना को पीछे छोड़ते हुए वास्तविकता में परिवर्तित हो जाए तो उसे किसी चमत्कार से कम नहीं आंका जा सकता है। लेकिन होता तो ...

बिहार के सीएम नीतीश कुमार की बीजेपी से नफरत अब खुलकर आई सामने

जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है, कुछ ऐसा ही हाल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हो चुका है। गठबंधन धर्म क्या होता है इसको तो एक अरसे से “कुशासन बाबू” भूला चुके हैं, ...

जैक मा को शी जिनपिंग ने निकाल बाहर फेंका

जैक मा जो चीन के सबसे धनी व्यक्ति थे वह अचानक 2 सालों के लिए गायब ही हो गए। इस बीच कई बार चीनी सरकार पर भी उन्हें गायब करवाने के आरोप लगाए गए। लेकिन अब आखिरकार 2 साल ...

मोदी सरकार की एक से बढ़कर एक योजनाएं दर्शा रही हैं नीति आयोग का महत्व

देश को योजना से चलाने के लिए संस्था की आवश्कयता होती है। इसी जरूरत को समझते हुए वर्ष 1950 में योजना आयोग का गठन किया गया था।  संस्था का मुख्य उद्देश्य देश में उपलब्ध संसाधनों का सही तरीके से ...

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