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कोलकाता की इशरत और कट्टर मुस्लिम प्रथाओं की लड़ाई में किसकी होगी जीत ?

हमारे देश में 'धर्म' को लेकर खूब बवाल मचता है, इसी के नाम पे वोट बैंकों की राजनीति खूब फलती-फूलती है और नफरत और उन्माद फैलाना तो बहुत छोटी बात है। हमारे यहाँ हिंदुत्व की कुरीतियां उजागर कर, बतलाकर, ...

नितीश कुमार बीजेपी की कमर तोड़ने के लिए यूपी में ये तिकड़म भिड़ा रहे हैं

उत्तर प्रदेश में चुनाव अभियान का शंखनाद हो चूका है, छोटे-बड़े सभी दल सत्ता सुख के लिए हाथ-पावँ मारने में लगे हुए हैं। यूपी की लड़ाई में वैसे तो भाजपा, बसपा और सपा प्रमुख चेहरें हैं मगर इस बार ...

जय बिहार की जगह पाकिस्तान ज़िंदाबाद: सेक्युलरिज़्म के साईड एफेक्ट्स

जेएनयू प्रकरण के बाद शुरू हुई देशद्रोह की गूंज अब बिहार में वाया पटना मुख्यमंत्री नितीश कुमार के गृह जिले में भी पहुंच गयी है। नालंदा के बिहारशरीफ में बुधवार शाम पाकिस्तान का झंडा लहराने से इलाके में तनाव ...

लालू यादव को गिरिराज सिंह का करारा जवाब

आदरणीय लालू जी, आपकी जाति के आधार पर समाज को बांटने की राजनीति, भ्रष्टाचार के हाथों बिहार को 15 वर्षों में पूरी तरह से बर्बाद कर देने की राजनीति और आपकी गरीब एवं विकास विरोधी राजनीति से पूरा देश ...

भाजपा का कैबिनेट विस्तार क्यों इस पार्टी की नींदें उड़ा रहा है?

स्मृति ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अपेक्षा एक कम महत्वपूर्ण मंत्रालय कपडा मंत्रालय भेजना इस हफ्ते की बड़ी घटनाओं में से एक थी, जब ५ जुलाई को मोदी सरकार ने बड़े राजनैतिक उलटफेर करते हुए 19 नए ...

केजरीवाल: राजनीति के आइटम गर्ल/ब्वाय

बालकाल की तीन प्रमुख प्रवृतियाँ होती हैं। बवाली प्रवृति, सवाली प्रवृति और कव्वाली प्रवृति । बचपन में हरेक बालक में इन तीनो में से एक न एक प्रवृतियाँ अवश्यमभावी रूप से पायी जाती हैं। अरविन्द केजरीवाल के अल्प राजनितिक ...

कोहिनूर तो कभी लूटा ही नहीं गया, फिर हंगामा क्यूँ?

Kohinoor: भारत सरकार ने अपने हलफनामे में कोहिनूर को ब्रितानिया हुकूमत को बतौर तोहफा दिए जाने का ज़िक्र क्या किया, सभी सेक्युलर जमात वालो को अपनी भारतीय अस्मिता का एहसास हो उठा, जिसका ह्रास अंग्रेज़ो ने किया था। पिछले ...

जब तक माल्या है, तब तक मार्क्स और मार्क्सवाद है

एक 14 वर्ष के चरवाहे लड़के ने जब अपने पिता से पूछा कि पिता जी ये बारिश क्यों और कैसे होती है? तो पिता ने वैज्ञानिक कारण का ज्ञान होते हुए भी उसे एक काल्पनिक कहानी बतानी बहतर समझी ...

रवीश बाबू आप क्यूँ कैकेयी बन रहे है?

बात बहुत पुरानी है | रामायण अभी लिखी जानी बाकी थी | पता नहीं उस समय तक किसी का इरादा भी था कि नहीं | ज्यों त्यों लिख ही दी गयी | परिणाम अच्छा ही रहा | पर अगर ...

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