'पदक' के लिए खोज परिणाम

ऋतिक रोशन ने दैनिक भास्कर को बेतुकी पत्रकारिता के लिए दिया करारा जवाब

भारत की पत्रकारिता में क्लिक बेट कुछ नया नहीं है। समाचार एजेंसियां या न्यूज़पेपर ज्यादा से ज्यादा क्लिक बेट और ध्यान आकर्षित करने के लिए कोई भी तथ्यहीन खबरें, दिखावटी हैडलाइन का इस्तेमाल करने में जरा भी संकोच नहीं ...

जगन्नाथ मंदिर की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति कोविंद के साथ दुर्व्यवहार का पूरा सच

भारतीय मीडिया को फेक न्यूज़, एजेंडा और झूठे आक्रोश के खेल में स्वर्ण पदक आसानी से जीत सकती है। और ऐसा ही कुछ एक बार फिर से मुख्यधरा की मीडिया ने किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के जगन्नाथ मंदिर ...

क्या गाँधी वास्तव में ब्रिटिश साम्राज्य के लिए खतरा थे?

स्कूल के दिनों में हमने भारत को आजाद कराने वाले लोगों के संघर्ष के बारे में अध्ययन करते हुए, मोहनदास करमचन्द गाँधी के गुणगानों को भी सुना और पढ़ा है। “दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल साबरमती ...

मोदी के खिलाफ घटिया बयानबाजी, गुजरात में कांग्रेस को पड़ेगी महँगी

२०१४ में, भाजपा को अपनी शानदार जीत के लिए किसे श्रेय देना चाहिए? कुछ लोग इसके लिए नरेंद्र मोदी को श्रेय देंगे, अन्य भाजपा संगठन की सराहना करेंगे, कुछ लोग आरएसएस को धन्यवाद देंगे और कुछ शातिर गुरु रणनीतिकार, ...

कमांडर अनुभव अत्रे कौन है? बीएसएफ़ इनका कोर्ट मार्शल क्यों कर रही है?

जिस दिन एक सैनिक को वर्दी से सुशोभित किया जाता है, चाहे वो ऑलिव ग्रीन हो या स्काइ ब्लू हो, या फिर नेवी व्हाइट या खाकी वर्दी ही क्यों न हो, संबन्धित व्यक्ति को ये प्रमाणपत्र मिलता है की ...

भारत के सिनेमा प्रेमियों ने दिया साल का सबसे बड़ा झटका, ट्यूबलाइट फुस्स हुआ

‘ऐसा पहली बार हुआ है 17 – 18 सालों में……………….’ - अगर आपने ये गाना सुना है, तो इन शब्दों की भावनाओं को भी समझेंगे। क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ, 5-6 सालों में, जब सलमान खान और निर्देशक कबीर ...

भारतीय सिनेमा इंडस्ट्री: जैसे फिल्में बनाने वाले, वैसे ही फिल्में देखने वाले

जब भी हॉलीवुड ‘ए ब्यूटीफूल माइंड’, या ‘द मैन हू न्यु इन्फ़िनिटि” जैसे यादगार फिल्म बनाते हैं, हमारे मन में एक सवाल आता है:- भारतीय सिनेमा बायोपिक्स बनाने में इतना धीमा क्यूँ है? प्रेम रस की सुंदरता बखान करने ...

ख़बर पक्की है, दिसम्बर 2017 में ख़त्म होगा कश्मीर से आतंकवाद

लोक सभा चुनाव हों या जम्मू कश्मीर राज्य के विधानसभा चुनाव, जब नरेंद्र मोदी ने इस विषय पर कुछ ज़्यादा बोलने से मना किया था, तब हमारी बुद्धिजीवी वर्ग ने इन्हे इनके गुरु और पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपयी ...

वैसे अगर सही सही कहूं तो गलती अपने राईट विंगर बंधुओं की ही हैं

बचपन से सिखाया जाता है गाली देना बुरी बात है, गाली नहीं देनी चाहिए। पर पता है लिबरल भारत की सोच कुछ अलग है। इस भारत में एक ही गाली को विविध परिस्थितियों में अलग-अलग तरह से देखने और ...

सूझबूझ, हिम्मत और वीरता का पर्याय हैं मेजर गोगोई

कश्मीर में हो रहे अंतरयुद्ध ने एक नया रूप धारण कर लिया है। ये युद्ध सिर्फ अब दो कट्टर शत्रुओं के बीच ही नहीं, दो विपरीत धारा की विचारधाराओं के बीच हो रहा है। मानवता के नाम पर फैलाये ...

यक्ष – संजय झा संवाद: ऐसे प्रश्न और ऐसे उत्तर जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे

पांडवजन अपने तेरह वर्ष के वनवास पर वनों में विचरण कर रहे थे । प्यास तो सबको लगती है उन्हें भी लग गयी. उन्होंने प्यास बुझाने के लिए जल की तलाश शुरू की । जल का प्रबंध करने का ...

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