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शरणार्थियों को शरण भारत

मोदी सरकार अगर सत्ता में न होती तो म्यांमार और अफगानिस्तान संकट के बीच भारत डंपिंग ग्राउंड बन जाता

शरणार्थी जो आते तो आस्थाई आश्रय की उम्मीद से हैं, लेकिन कई बार ये बड़े देशों के लिए अराजकता का पर्याय बन जाते हैं। बांग्लादेशियों एवं म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिमों के रूप में आए इन्हीं शरणार्थियों को शरण देने का दंश भारत पहले से ही झेल रहा है। ऐसे में ...

अफगानिस्तान का इतिहास

अफगानिस्तान की धरती पर सनातन धर्म का वैभव कुछ अलग ही था

अफगानिस्तान की धरती पर सनातन धर्म का गौरवशाली इतिहास अफगानिस्तान का सनातन इतिहास : “कुछ हिंदुओं ने मुझसे काबुल छोड़ने का आग्रह किया और मेरी यात्रा और ठहरने की व्यवस्था का प्रस्ताव भी दिया, परंतु मेरे पूर्वजों ने सैकड़ों वर्षों तक इस मंदिर की सेवा की। मैं इसे नहीं छोड़ूँगा। ...

अफगानिस्तान में अब तालिबान और ISIS के बीच में मचेगा रक्तपात, जंग के हालात तैयार हैं

अफगानिस्तान में अब तालिबान और ISIS के बीच में मचेगा रक्तपात, जंग के हालात तैयार हैं

अफगानिस्तान को दुनिया ने अपने हाल पर छोड़ दियाl सत्ता और मज़हबी वर्चस्व के लिए अलग-अलग गुट आपस में रक्तपात पर उतारू हैंl अफगानिस्तान में अब लड़ाई इस बात की है कि यहां अत्यधिक चरमपंथी गुट कौन है अर्थात शरीयत और इस्लामी शासन को अत्यधिक क्रूरता और कट्टरता से कौन ...

पाकिस्तान अफगानिस्तान

भारत विरोधी आतंकी लॉन्च पैड अब Pok से अफगानिस्तान शिफ्ट करने जा रहा है पाकिस्तान

तालिबान के कब्जे के बाद, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ सक्रिय अपने आतंकवादी शिविरों को अफगानिस्तान के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। मीडिया द्वारा एक्सेस किए गए विशेष विवरण के अनुसार, पाकिस्तान ने लश्कर (एलईटी) के कई शिविरों को अफगानिस्तान के पूर्वी क्षेत्र में ...

पंजशीर

3 जिले तालिबानी कब्जे से मुक्त, अमरुल्लाह सालेह के ‘सैनिकों’ ने आरंभ किया अफगानिस्तान में असली युद्ध

अफ़ग़ानिस्तान में हुए बड़े बदलाव को सभी ने देख लिया है। काबुल में तालिबान द्वारा कब्जे के बाद हर दिन बर्बरता की खबरे ही सामने आ रही हैं। दोष अमेरिका के ऊपर भी लगा कि अफ़ग़ानिस्तान को आतंक के दलदल में छोड़ अमेरिका भाग गया। सही मायने में देखा जाए ...

राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह

राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह: अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति और तालिबान के खिलाफ अंतिम उम्मीद

भागना आसान है, निभाना कठिन है। अफ़ग़ानिस्तान को पूरी दुनिया द्वारा अकेले छोड़ देने बीच अच्छी खबर यह है कि वहां अभी भी एक इंसान है, जो अभी भी इस क्रूर तानाशाह तालिबान से लड़ने की हिम्मत रखता है। उस व्यक्ति का नाम है अमरुल्लाह सालेह, वह अफ़ग़ानिस्तान के उपराष्ट्रपति है ...

अफगान ई-वीजा

अफगानिस्तान से भागकर आ रहे लोगों को अस्थायी ई-वीज़ा दिया जा रहा है, वो क्या है? विस्तार से समझिए

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद शरणार्थी अफ़ग़ानिस्तान से बस किसी भी तरह अन्य देश निकल जाना चाहते हैं चाहे वह पूरब का देश हो या पश्चिम का। एक तरफ पश्चिम में तुर्की समेत यूरोपियन यूनियन ने उन्हें स्वीकार करने से मना कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ जब ...

पंडित राजेश कुमार

‘तालिबान भले ही मुझे मार डाले, मैं मंदिर छोड़ के नहीं जाऊंगा’, अफगानिस्तान के हिंदू मंदिर के आखिरी पुजारी ने किया ऐलान

अद्भुत !! दुर्लभ !! अद्वितीय !! अफगानिस्तान में आतंक और अत्याचार के बीच अदम्य साहस का उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिला । जान बचाने के लिए जान जोखिम में डालते लोग और पूरे मुल्क मेंं पसरे मातम के माहौल के बीच उम्मीद का दिया जलाता रतननाथ मंदिर के पुजारी पंडित ...

UNSC की बैठक

‘भारत हमें बोलने नहीं दे रहा’, अफगानिस्तान मुद्दे पर UNSC की मीटिंग में भारत ने बंद की पाकिस्तान की बोलती तो रोया रोना

पाकिस्तान की हालत उस दिन से ही खराब है, जिस दिन से भारत को UNSC का अध्यक्ष चुना गया है। भारत इस सगंठन का फायदा उठाकर धीरे-धीरे पाकिस्तान और चीन के लिए नई मुसीबतें खड़ी कर रहा है। अफगानिस्तान की अराजकता के मुद्दे पर अब अचानक बुलाई गई UNSC की ...

अफगानिस्तान हिंदु नरसंहार

पाकिस्तान का एक ही उद्देश्य है, अफ़ग़ानिस्तान में बड़े पैमाने पर हिन्दुओं का नरसंहार किया जाये

अमेरिका की अफ़गान से सैन्य वापसी के बाद यह देश धीरे-धीरे नर्क में बदल रहा है। यहां रहने वाले लोगों ने उस भयावह मंजर को अपनी आँखों से देखा है जब ये रक्षा सत्ता के सिंहासन पर बैठे थे। तब अफगानिस्तान में आज़ादी, अधिकार,उम्मीद, संरक्षण और लोकतन्त्र की कोई जगह ...

मुल्ला बरादर

मिलिये आतंकवादी से अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष बने मुल्ला बरादर से

सामान्य ज्ञान की किताब में अगर अभी ये सवाल आ जाये कि अफ़ग़ानिस्तान का राष्ट्रपति कौन है? तो शायद बच्चे  अशरफ गनी का नाम लेंगे, लेकिन हमारे जैसे लोग जो खबरों से जुड़े रहते हैं, उनके लिए यह सवाल बड़ा कठिन है, क्योंकि अब अफ़ग़ानिस्तान में दो राष्ट्रपति हैं। एक ...

अफगानिस्तान भारत

आखिर क्यों तालिबान के खिलाफ युद्ध में भारत को अफगानिस्तान की मदद करनी चाहिए?

अफ़ग़ानिस्तान में स्थिति भयंकर हो चुकी है। अफगानिस्तान के 34 बड़े ठिकानों में से 11 सीधे-सीधे तालिबान के कब्जे में आ चुका है। अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर, हेरात को भी तालिबान ने छीन लिया है। यानि देखा जाए तो तालिबानी आतंकियों ने एक सप्ताह में आधे से अधिक ...

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