SBI को छोड़कर अब हर एक बैंक को प्राइवेट करने का समय आ गया है
क्या आप कभी बैंक गए हैं? अगर आपका बैंक अकाउंट किसी निजी क्षेत्र के बैंक में है तो आपको शायद ही कभी बैंक जाने की जरूरत भी पड़ेगी लेकिन यदि आपका खाता किसी सरकारी बैंक में है तो बैंक ...
क्या आप कभी बैंक गए हैं? अगर आपका बैंक अकाउंट किसी निजी क्षेत्र के बैंक में है तो आपको शायद ही कभी बैंक जाने की जरूरत भी पड़ेगी लेकिन यदि आपका खाता किसी सरकारी बैंक में है तो बैंक ...
मार्च 2014 के राजनीतिक परिदृश्य का स्मरण करें। चुनाव से ठीक पहले आर्थिक और वित्तीय मामलों को कवर करने वाले लुटियंस मीडिया में एक शब्द का बहुत बोलबाला था। इसे पालिसी पैरालिसिस (नीतिगत पक्षाघात) कहा गया क्योंकि यूपीए सरकार ...
पिछला दशक भारतीय बैंकिंग के लिए अच्छा नहीं रहा था। NPA बढ़ने, ऋणदेने में कमी, पूंजी की अपर्याप्तता आदि कईसमस्याओं का सामना बैंकों को करना पड़ा। किंतु मोदी सरकार में लागू हुए ‛Insolvency & Bankruptcy Code’ के कारण बैंकों ...
भारत में कई विदेशी कंपनियां धड़ल्ले से अपना व्यापार चला रही है और देश के लगभग सभी सेक्टर्स में अपनी अच्छी पकड़ भी बना चुकी है। अमेरिकी कंपनी Amazon भी उनमें से एक है। Amazon ने भारत में अपनी ...
किसी भी नीति को बदलने का मूल उद्देश्य होता है कि पूर्व में उसके क्रियान्वन के दौरान पाई गई कमियों और रिक्तताओं को कैसे भी भरा जा सके। इसी बीच इन दिनों एक नीति बहुत प्रचारित हो रही है ...
भारत की राजकीय, संसदीय, संवैधानिक, वित्तीय और आर्थिक व्यवस्था का ऐसा कोई सा भी पहलू नहीं है जिसमें नरेंद्र मोदी की सरकार ने उद्धार नहीं किया है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत में लागू अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को ...
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 1963 में मध्य प्रदेश में हुआ था। रघुराम राजन एक भारतीय अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने सितंबर 2013 से सितंबर 2016 तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ...
6 करोड़ परिवार का आजीविका बची कोविड 19 के सर्वव्यापी महामारी के कारण देश भर में आर्थिक संकट छा गया। इसके मद्देनजर वित्त मंत्रालय द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के व्यापक पैकेज की घोषणा की गई। इस आर्थिक संकट ...
दुनिया में दो प्रकार के ऋणी है। एक वो जो अपने ऋण मूल्यों का सदुपयोग करते हुए उसे कल्याणकारी कार्यों में निवेश करते है और यथोचित समयानुसार ब्याज सहित ऋणदाता को लौटा देते है। परंतु, कुछ लोग “ऋण लो, ...
बैंक देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बिना बैंकों के किसी भी देश की अर्थव्यवस्था प्रगति नहीं कर सकती। मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में मेहुल चौकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों पर शिकंजे कस कर बैंकों ...
आज के डिजिटल युग में युद्ध का क्षितिज असीमित हो चुका है। आज युद्ध सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं लड़ा जाता, बल्कि यह आम जनता के घरों यानी समाज के मूल तक पहुंच चुका है। भारत विरोधी तत्व देश ...
भारतीय अर्थव्यवस्था अपने सबसे अच्छे दौर में है यह बात लगभग हर उस बड़ी संस्था द्वारा बताई जा रही है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अपनी रिपोर्ट समय-समय पर छापती रहती है। इन संस्थाओं में Moody's (मूडीज) भी एक है ...
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