अपने हाथों से ही अपने करियर को उजाड़ दिए राजकुमार और आयुष्मान….
2012 : ये वो वर्ष था जब बॉलीवुड परिवर्तन के एक विशेष दौर से गुज़र रहा था। इस समय दो अभिनेताओं का उदय हुआ। दोनों पर न किसी गॉडफादर का आशीर्वाद था, और न ही वे किसी सम्पन्न फिल्मी ...
2012 : ये वो वर्ष था जब बॉलीवुड परिवर्तन के एक विशेष दौर से गुज़र रहा था। इस समय दो अभिनेताओं का उदय हुआ। दोनों पर न किसी गॉडफादर का आशीर्वाद था, और न ही वे किसी सम्पन्न फिल्मी ...
जब कोई चलचित्र प्रदर्शित होता है तो भांति भांति की प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं। इसी भांति उस फिल्म के भाग्य से लोगों में भांति भांति के भाव भी प्रकट होते हैं। कोई गुरु दत्त की भांति दीन दुनिया से ...
“आपके पांव देखे, बड़े हसीन हैं, इन्हें जमीन पर मत रखिएगा मैले हो जाएंगे!” किसी रोज़ जब राजकुमार ने “पाकीज़ा” में ये संवाद मीना कुमारी के लिए बोला था, तो अनेकों सिनेमाघर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठे थे। ...
“शेर को सांप और बिच्छू नहीं काटा करते, दूर से ही रेंगते हुए निकल जाते हैं” “हमारी ज़बान भी हमारी गोली की तरह है, दुश्मनों से सीधे बात करती है!” ऐसे संवाद जब सिनेमा हॉल में गूंजते, तो दर्शक ...
Shiv Kumar Batalvi crushed by leftist: "बाबूमोशाय, ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिये, लंबी नहीं" यह संवाद आपने फिल्मों में सुनी होगी, किसी मंच पर सुना होगा। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एक ऐसे भी व्यक्ति थे, जिन्होंने वास्तव में ...
“दोस्त दोस्त न रहा, प्यार प्यार न रहा। ज़िंदगी हमें तेरा एतबार न रहा”। शैलेन्द्र के कलम से निकले ये शब्द एक मित्र द्वारा दूसरे मित्र के प्रति विश्वासघात को लेकर पीड़ा व्यक्त करने को उद्यत थे। वो काफी ...
जो पहले से ही बर्बाद हो भला उसे कौन बर्बाद कर सकता है। हाल के समय में यह पंक्ति कांग्रेस पार्टी के लिए सटीक जान पड़ती है। कौन नहीं जानता है कि कांग्रेस पार्टी मृत्यु शैय्या पर विराजमान है। ...
1969 में भारतीय सिनेमा में क्रांति आई थी, तारीख थी 27 सितंबर 1969, इस दिन एक ऐसी फिल्म प्रदर्शित हुई जिसके चलने की आशा कम ही लोगों को थी। होती भी कैसे, हीरो भी नया, निर्देशक भी बहुत उत्सुक ...
आज के समय में देखा जाये हिंदू धर्म को सॉफ्ट यानी टारगेट बना दिया गया है। आप देखेंगे कि आज कोई भी व्यक्ति मुंह उठाकर सनातन धर्म के विरुद्ध कुछ भी बोल देता हैं। वहीं कुछ लोगों ने तो ...
भारत जोड़ने निकले कांग्रेस के ऑल वैदर पीएम प्रत्याशी और कांग्रेस के एकमात्र चश्मोचिराग राहुल गांधी अपनी पार्टी के गुटों को जोड़ने पर ध्यान देते तो ज़्यादा सही होता। जहां गिने चुने दो राज्यों में कांग्रेस के सीएम हैं ...
बिहार में बहार बा, नीतीशे कुमार बा! इसे कहेंगे अपने मुंह-मियां मिट्ठू बनना। अब वो नीतीश कुमार जो दलगत राजनीति को खो-खो समझकर खेलने के आदी हो चुके हैं। कुछ क्षण कहीं तो शेष क्षण कहीं गुज़ारने की जुगत ...
ठीक कहा है किसी ने, ““आप कुछ लोगों को हर समय उल्लू बना सकते हो, आप सबको कुछ समय तक उल्लू बना सकते हो, परंतु आप सबको हर समय उल्लू नहीं बना सकते”। यह बात भारत के सबसे बड़े ...
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