'कुमार विश्वास' के लिए खोज परिणाम

अपने हाथों से ही अपने करियर को उजाड़ दिए राजकुमार और आयुष्मान….

2012 : ये वो वर्ष था जब बॉलीवुड परिवर्तन के एक विशेष दौर से गुज़र रहा था। इस समय दो अभिनेताओं का उदय हुआ। दोनों पर न किसी गॉडफादर का आशीर्वाद था, और न ही वे किसी सम्पन्न फिल्मी ...

“किशोर कुमार चाहते थे कि चलती का नाम गाड़ी फ्लॉप हो जाए”, लेकिन जब फिल्म चल गई तब क्या हुआ?

जब कोई चलचित्र प्रदर्शित होता है तो भांति भांति की प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं। इसी भांति उस फिल्म के भाग्य से लोगों में भांति भांति के भाव भी प्रकट होते हैं। कोई गुरु दत्त की भांति दीन दुनिया से ...

“मीना कुमारी सुपरस्टार कैसे बन गईं?”, आज भी कई लोग अचंभित हैं

“आपके पांव देखे, बड़े हसीन हैं, इन्हें जमीन पर मत रखिएगा मैले हो जाएंगे!” किसी रोज़ जब राजकुमार ने “पाकीज़ा” में ये संवाद मीना कुमारी के लिए बोला था, तो अनेकों सिनेमाघर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठे थे। ...

घमंडी, अहंकारी और सनकी नहीं बल्कि राजकुमार बॉलीवुड के वास्तविक ‘बाहुबली’ थे

“शेर को सांप और बिच्छू नहीं काटा करते, दूर से ही रेंगते हुए निकल जाते हैं” “हमारी ज़बान भी हमारी गोली की तरह है, दुश्मनों से सीधे बात करती है!” ऐसे संवाद जब सिनेमा हॉल में गूंजते, तो दर्शक ...

शिव कुमार बटालवी, पंजाब का सबसे बड़ा कवि, मौत के बाद भी जिसे मिटाने की कोशिशें की गईं

Shiv Kumar Batalvi crushed by leftist: "बाबूमोशाय, ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिये, लंबी नहीं" यह संवाद आपने फिल्मों में सुनी होगी, किसी मंच पर सुना होगा। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एक ऐसे भी व्यक्ति थे, जिन्होंने वास्तव में ...

दोस्त दोस्त न रहा – ये गीत नहीं राजेन्द्र कुमार के प्रति राज कपूर की कुंठा थी

“दोस्त दोस्त न रहा, प्यार प्यार न रहा। ज़िंदगी हमें तेरा एतबार न रहा”। शैलेन्द्र के कलम से निकले ये शब्द एक मित्र द्वारा दूसरे मित्र के प्रति विश्वासघात को लेकर पीड़ा व्यक्त करने को उद्यत थे। वो काफी ...

डीके शिवकुमार कर्नाटक में अपनी पार्टी बना सकते हैं, इसके कई कारण हैं

जो पहले से ही बर्बाद हो भला उसे कौन बर्बाद कर सकता है। हाल के समय में यह पंक्ति कांग्रेस पार्टी के लिए सटीक जान पड़ती है। कौन नहीं जानता है कि कांग्रेस पार्टी मृत्यु शैय्या पर विराजमान है। ...

फिल्म ‘आराधना’ तो साइड प्रोजेक्ट थी लेकिन किशोर कुमार ने कुछ ऐसा किया कि इतिहास बन गया

1969 में भारतीय सिनेमा में क्रांति आई थी, तारीख थी 27 सितंबर 1969, इस दिन एक ऐसी फिल्म प्रदर्शित हुई जिसके चलने की आशा कम ही लोगों को थी। होती भी कैसे, हीरो भी नया, निर्देशक भी बहुत उत्सुक ...

सनातन विरोधी अर्जक संघ और अरुण कुमार गुप्ता को तुरंत जेल में डालना चाहिए

आज के समय में देखा जाये हिंदू धर्म को सॉफ्ट यानी टारगेट बना दिया गया है। आप देखेंगे कि आज कोई भी व्यक्ति मुंह उठाकर सनातन धर्म के विरुद्ध कुछ भी बोल देता हैं। वहीं कुछ लोगों ने तो ...

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कारण डीके शिवकुमार छोड़ देंगे कांग्रेस?

भारत जोड़ने निकले कांग्रेस के ऑल वैदर पीएम प्रत्याशी और कांग्रेस के एकमात्र चश्मोचिराग राहुल गांधी अपनी पार्टी के गुटों को जोड़ने पर ध्यान देते तो ज़्यादा सही  होता। जहां गिने चुने दो राज्यों में कांग्रेस के सीएम हैं ...

नीतीश कुमार ने जनता दल (यूनाइटेड) के अंत की घोषणा कर दी है

बिहार में बहार बा, नीतीशे कुमार बा! इसे कहेंगे अपने मुंह-मियां मिट्ठू बनना। अब वो नीतीश कुमार जो दलगत राजनीति को खो-खो समझकर खेलने के आदी हो चुके हैं। कुछ क्षण कहीं तो शेष क्षण कहीं गुज़ारने की जुगत ...

नीतीश कुमार के विरुद्ध खड़ी हो गई है बिहार की जनता

ठीक कहा है किसी ने, ““आप कुछ लोगों को हर समय उल्लू बना सकते हो, आप सबको कुछ समय तक उल्लू बना सकते हो, परंतु आप सबको हर समय उल्लू नहीं बना सकते”। यह बात भारत के सबसे बड़े ...

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