'खाद्य संकट' के लिए खोज परिणाम

NavIC

स्मार्टफोन में NavIC अनिवार्य, अमेरिकी GPS को भारत का गुडबाय

समय स्वयं में एक अद्भुत चमत्कार लिए हुए है और वह चमत्कार है बदलने का, समय का बदलना भले ही आपको सामान्य प्रक्रिया लगे किंतु उसका प्रभाव सदा मूल्यवान होता है। यह समय और भारत का अथक परिश्रम ही है कि आज भारतवर्ष की ठसक विश्व पटल पर है। भारत ...

putin

बाइडेन को प्रसन्न करने चला था पाकिस्तान, पुतिन को क्रोधित कर बैठा

एक बड़ी पुरानी कहावत है मरता क्या न करता? पाकिस्तान की हालत भी अभी कुछ ऐसी ही है, किसी भी तरह से वो अमेरिका को खुश करना चाहता है। अपनी घटिया आदतों की वजह से आर्थिक तंगी से तो वह जूझ ही रहा है कि तभी प्रकृति ने भी उसकी ...

Evergreen Revolution

हरित क्रांति के बाद अब समय की मांग है ‘सदाबहार क्रांति’

भारत 1960 के दशक में जनसंख्या विस्फोट और कृषि उत्पादकता की कम दर के साथ ही सबसे खराब खाद्य संकटों में से एक का सामना कर रहा था। चीन (1962) और पाकिस्तान (1965) के साथ युद्ध के बाद तो खाद्य संकट और बढ़ गया और तब इसी भयानक खाद्य संकट ...

PM Narendra Modi

नरेंद्र मोदी दुनिया के इकलौते ऐसे नेता हैं जो विश्व में शांति स्थापित कर सकते हैं

आज दुनिया एक साथ कई संकटों का सामना कर रही है। महंगाई, आर्थिक मंदी जैसी चुनौतियों से विश्व के तमाम देश इस समय जूझ रहे है लेकिन इसके अलावा जो सबसे बड़ा संकट है जिससे दुनिया लड़ रही है, वह है- अस्थिरता। एक ओर रूस और यूक्रेन के बीच महीनों ...

Russia, Europe & America

रूस से प्रतिबंध क्यों हटाने लगे अमेरिकी और यूरोपीय देश?

अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने वाली कहावत तो आपने बहुत बार सुनी होगी कि कैसे कुछ लोग स्वयं का ही बेड़ागर्क करा लेते है। ऐसा ही कुछ रूस-यूक्रेन के दौरान तमाम देशों ने भी किया। रूस ने यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध क्या छेड़ा, दुनिया के तमाम देश एकजुट हो गए ...

NIRMALA

विश्व में कैसे भुखमरी का निर्माण कर रहा है WTO?

ऐसे कई वैश्विक संस्था है, जो स्वयं को विश्व का ठेकेदार मानते है। इनके द्वारा पूरी दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया जाता है। परंतु जब बात स्वयं पर आती है, तो विश्व व्यापार संगठन (WTO) जैसी वैश्विक संस्थाओं में तो मानवता दूर-दूर तक नजर नहीं आती। रूस-यूक्रेन युद्ध के ...

India and Egypt

‘भुखमरी’ की कगार पर पहुंचे मिस्र को 1,80,000 टन गेहूं देगा भारत

यूक्रेन और रूस मिलकर दुनिया का 33% गेहूं निर्यात करते हैं लेकिन जब से दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ा है तब से ही विश्व में खाद्य संकट दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई है. भारत पूरी दुनिया का पेट ...

भारत के उत्पादों का बहिष्कार करके रेबीज की मौत मरेगा पाकिस्तान

भारत के उत्पादों का बहिष्कार करके रेबीज की मौत मरेगा पाकिस्तान

कुछ वक्त पहले पाकिस्तान की सत्ता में बड़े बदलाव होते हुए दिखे। तख्तापलट के बाद इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से महज एक विपक्षी नेता बनकर रह गए हैं। इमरान खान के हाथों से पाकिस्तान की सत्ता चली गई। बावजूद इसके इमरान खान की ‘भारत-भारत’ का राग अलापने और ‘मूखर्तापूर्ण’ ...

गेहूं भारत

‘रोटी-युद्ध’ रोकने के लिए भारत को गेहूं दान करना चाहिए, लेकिन सिर्फ बचा हुआ

गेहूं दुनिया-भर में शीर्ष खाद्य पदार्थों में से एक है। किसी भी आहार का मुख्य सेवन गेहूं है, लेकिन अलग-अलग जलवायु परिस्थितियों के कारण बहुत कम देश हैं जो गेहूं उगाते और निर्यात करते हैं। यूक्रेन और रूस दुनिया के गेहूं निर्यात का लगभग 33 फीसदी पूरा करते हैं। लेकिन, ...

भारत गेहूं

भारत को उन देशों को जवाब देना चाहिए जिन्होंने गेहूं को अस्वीकार कर दिया

आप सभी जानते होंगे कि मिस्र, दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं आयातक है। नॉर्थ अफ्रीका का यह देश अपनी गेहूं की जरूरत यूक्रेन से पूरी करता है। लेकिन रूस यूक्रेन युद्ध के कारण मिस्र में गेहूं और अन्य खाद्य सामग्री नहीं जा पा रही थी और इसके कारण देश में ...

PM MODI

चीनी और गेहूं के निर्यात पर रोक के बाद अब चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने को तैयार भारत

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को 3 महीने से भी अधिक समय हो गया है परन्तु इस युद्ध पर विराम के आसार नज़र ही नहीं आ रहे. इसी कारण विश्व भर में अन्न संकट की स्थिति पैदा होने के आसार दिख रहे हैं. जिस कारण से कई ...

America

अमेरिका द्वारा भारत-रूस के संबंध को तोड़ने की आखिरी कोशिश भी हुई नाकाम

आज भारत वैश्विक स्तर पर एक ऐसा मजबूत देश बन चुका है जिसे हर देश अपने पाले में लाना चाहता है। रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में ही पश्चिम देशों को यह पता चल गया था कि भारत अपने सबसे करीबी और विश्वसनीय मित्र रूस के खिलाफ नहीं जाने वाला और ...

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