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भारतीय मूल के ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक का पहला कदम ही भारत विरोधी है

ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय मूल के ऋषि सुनक के दीपावली के शुभ अवसर पर निर्विरोध रूप से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने जाने पर भारतीयों में खुशी की लहर दौड़ गयी। सोशल मीडिया पर ऋषि सुनक की ...

“ख़ूब उछलना पहले कुछ तथ्य तो जान लो”, ऋषि सुनक को लेकर प्रत्येक भारतीय को यह अवश्य जानना चाहिए

अद्भुत! अविश्वसनीय! अकल्पनीय! ये तीन शब्द हर किसी के जिह्वा पर थे, जब लंदन के चर्चित 10 डाउनिंग स्ट्रीट के नए निवासी का चयन हुआ। ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक दीपावली के शुभ अवसर पर निर्विरोध रूप ...

भारत ने चीन से लिया ‘आतंकवादी मसूद अज़हर वाले’ अपमान का बदला

चीन को वैश्विक स्तर पर मात देने में भारत हमेशा से आगे रहा है। चीन‌ किसी भी कीमत पर नहीं चाहता है कि भारत या अन्य कोई छोटा देश परमाणु ऊर्जा से लैस हो और वह आर्थिक स्तर पर ...

शी जिनपिंग ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सस्ती कॉपी बनानी चाही लेकिन फुस्स हो गया

ड्यूल सर्कुलेशन मॉडल: कहते हैं कि नकल के लिए भी अक्ल चाहिए होती है, परंतु यह बात चीन को कहां मालूम है। पूरी दुनिया के सामने स्वयं को सर्वशक्तिशाली दिखाना परंतु असल में खोखला होना, वर्तमान समय में चीन ...

अगर हमने पीएम के रूप में सोनिया गांधी का विरोध किया, तो हम ऋषि सुनक के UK के पीएम नहीं बनने से परेशान क्यों हैं?

भारत और भारतीयों के लिए बहुत आसान है प्रेम और स्नेह जताना। भारतीय शब्द जुड़ते ही भावनाएं प्रागाढ़ होना भारतीयों के मन में एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसको दूर करना असंभव ही है। कोई भी, कहीं भी शिखर पर ...

UN ने शिनजियांग में उइगर मुसलमानों पर अत्याचारों को मानवता के विरुद्ध अपराध घोषित किया लेकिन OIC चुप है

OIC यानी ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कंट्रीज़, यह एक ऐसा मंच है जो पूरी दुनिया के मुसलमानों का मसीहा बनता फिरता है लेकिन इसकी सारी हेकड़ी चीन के सामने निकल जाती है। इसका सारा मुसलमान प्रेम धरा का धरा रह ...

चीनी कंपनियां एक साथ छोड़ सकती हैं भारत, शुभयात्रा!

इन दिनों चीन पर मानो साढ़े साती की दशा चल रही हो। जहां हाथ मारो, वहाँ असफलता ही हाथ लगती है। खेल के क्षेत्र को छोड़ दें, तो असफलता अब चीन का पर्याय ही बन चुका है। इसी बीच ...

ताइवान पर आधिपत्य जमाने का सपना साकार होने से चीन अभी कोसों दूर है

अगर किसी को लगता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया की सारी परेशानियां ख़त्म हो गयी हैं और अब लड़ने के लिए किसी के पास कोई मुद्दा नहीं है तो यह बिल्कुल गलत है। अब भले ही ...

‘आक्रामकता ही रक्षा का सर्वोत्तम विकल्प है’, इस तरह हर बाज़ी अपनी तरफ मोड़ रहा है भारत

कभी-कभी आक्रामक होना ही रक्षात्मक होने का सर्वोत्तम विकल्प है और ऐसा प्रतीत होता है कि भारत इस क्षेत्र में महारत प्राप्त कर रहा है। नहीं, ये बात हम प्रमाणित नहीं कर रहे हैं अपितु हमारे परम शत्रुओं में ...

स्वयं को आर्थिक सुपर पावर कहने वाले घमंडी चीन को आज तरबूज से काम चलाना पड़ रहा है

किसी महापुरुष ने सही ही कहा था “सबै दिन होत न एक समान।" एक समय चीन के वर्चस्व को चुनौती देने वाला कोई नहीं था। क्या अमेरिका, क्या ब्रिटेन, सब उसके नाम से ही कांपने लगते थे परंतु अब ...

The Hindu को अब अपना नाम भी बदल लेना चाहिए, सुझाव है- ‘The Chindu’

साम्यवादी शासन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं होती। चीन में भी नहीं है। किन्तु, अपने बर्बर शासन को यथोचित ठहराने के लिए ऐसे शासकों को ही सबसे अधिक अभिव्यक्ति की आवश्यकता होती है लेकिन ऐसे अभिव्यक्ति की जिसमें स्वामीभक्ति ...

नई विश्व व्यवस्था में कई ध्रुव हो सकते हैं लेकिन भारत निश्चित रूप से इसका केंद्र है

विश्व आज रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पिस रहा है। इस युद्ध ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक और भौगोलिक हानि तो पहुंचायी ही है साथ ही यह भी दर्शा दिया कि खुद को विश्व का शक्तिशाली देश कहने वाले अमेरिका ...

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