EVM पर सवाल उठाने वालों को लगा सुप्रीम झटका।
29 April 2024
बस्तर में कैसे दम तोड़ रहा नक्सलवाद?
29 April 2024
बिहार में बहार बा, नीतीशे कुमार बा! इसे कहेंगे अपने मुंह-मियां मिट्ठू बनना। अब वो नीतीश कुमार जो दलगत राजनीति को खो-खो समझकर खेलने के आदी हो चुके हैं। कुछ क्षण कहीं तो शेष क्षण कहीं गुज़ारने की जुगत में बिहार की जनता के साथ जो विश्वासघात करते हैं, अब ...
सुशासन बाबू के स्वप्न जग जाहिर हैं, वही स्वप्न, देश का प्रधानमंत्री बनने वाला। हालांकि प्रधानमंत्री बनकर उन्हें देश संभालना है लेकिन खुद के विधायक तक तो उनसे संभलते नहीं हैं। जी हां, जिस भाजपा का साथ छोड़ नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ गंठबंधन किया, स्वयं उनकी ही पार्टी ...
क्या ही नेता बनेगा रे तू? क्या ही पीएम बनेगा तू। जब गांव में पड़ी मरी, सबको अपनी-अपनी पड़ी अर्थात जब एक समूह गोते खाने लगा तो उसको उस समूह की नहीं बल्कि अपनी चिंता पहले हुई। कुछ ऐसा ही हाल इस समय अपने-अपने स्वप्नों में स्वप्नघोषित पीएम मटेरियल तेलंगाना ...
कहते हैं कि जब कुछ अच्छा नहीं कर सकते हैं तो कुछ ऐसा भी न करें जिसके बाद आप समाज को मुंह दिखाने के योग्य न रह जाएं। परंतु बख्तियारपुर से आने वाले महोदय नीतीश कुमार सिंह ने मानो शपथ ले ली हो कि सत्ता के लिए हम तो किसी ...
ठीक कहा है किसी ने, ““आप कुछ लोगों को हर समय उल्लू बना सकते हो, आप सबको कुछ समय तक उल्लू बना सकते हो, परंतु आप सबको हर समय उल्लू नहीं बना सकते”। यह बात भारत के सबसे बड़े अवसरवादी “पलटूराम” नीतीश कुमार पर सबसे सटीक लागू होती है। महोदय ...
बिहार में बहार बा, सही बात है, बिहार में बहार तो है, जंगलराज के लिए, भ्रष्टाचार के लिए, फर्जीवाड़े के लिए, धोखाधड़ी के लिए बहार है। भला जिस प्रदेश के मुखिया पल्टूराम श्री नीतीश कुमार हों जो सत्ता के लिए किसी को भी धोखा दे सकते हैं, जिस प्रदेश के ...
ऐसा कोई सगा नहीं जिसे नीतीश ने ठगा नहीं! हर बार जब भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक गठबंधन साथी को छोड दूसरे के सहभागी बनते हैं तब-तब यह कथन बिहार के राजनीतिक गलियारे में यथावत गुंजायमान होने लगता है। कुछ ऐसा ही इस बार भी हुआ जब अगस्त ...
जो होता है अच्छे के लिए होता है यह कथन वास्तव में बहुत कुछ सोच-विचार के बाद कहा गया होगा। आज भाजपा भले ही बिहार में सत्ता से बाहर हो गई हो पर इसमें भी उसकी भलाई छुपी हुई है। जो नीतीश कुमार अब तक भाजपा के लिए एक भोझ ...
सत्ता कभी स्थायी नहीं रही है, सदा दिन एक जैसे नहीं रहे हैं। और जब बात बिहार की राजनीति की हो रही हो तो वास्तव में सत्ता कभी स्थायी रही ही नहीं है। जो स्थायी रहा है वो है नीतीश बाबू का मुख्यमंत्री का पद। सरकारें आएंगी, जाएंगी, बनेंगी-बिगड़ेंगी मगर ...
ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे नीतीश कुमार ने ठगा नहीं। बिहार के मुख्यमंत्री के लिए यह बात काफी प्रसिद्ध है। नीतीश कुमार कितने बड़े पल्टूराम हैं, यह तो हर कोई जानता है। वो हर थोड़े समय में पल्टी मारकर अपना पाला बदलते रहते हैं। कभी नीतीश आरजेडी के खेमे में ...
अगर राजनीति में भी फिल्मों की भांति अवार्ड देने की प्रक्रिया होती तो धोखा देने वाली कैटेगरी में लाइफ टाइम अचीवमेंट का अवार्ड बिहार के पलटू कुमार अर्थात नीतीश कुमार को ही दिया जाता। एक निश्चित समय अंतराल के बाद वो अपनी बेस्ट कैटेगरी में अवार्ड विनिंग परफॉमेन्स देते रहते ...
अमेरिका वालों ने अपने शहरों को जैसे नाम दिया है, जैसे न्यू यॉर्क को ‘बिग एपल’, शिकागो को ‘विंडी सिटी’, ‘वर्जीनिया इज़ फॉर लवर्स’ आदि उसी तरह अगर हम अपने बिहार को नाम दें तो बिहार को ‘फील गुड स्टेट’ कहा जा सकता है जो वास्तव में अब है नहीं! ...