स्क्रॉल, वायर, द प्रिंट जैसी वामपंथी मीडिया तब्लीगी जमात का खुलकर बचाव कर रही हैं
जमाना बदल सकता है, असम्भव भी संभव हो सकता है, पर अगर कुछ नहीं बदल सकता है तो वह है वामपंथी मीडिया का स्वभाव। जब कुछ नहीं बचा है तो अब यह लोग तब्लीगी जमात के उत्पाती सदस्यों का ...