पत्नी की संपत्ति में पति का कोई हक नहीं- सुप्रीम कोर्ट
26 April 2024
जो दर्द भारत ने झेला अब अमेरिका झेला रहा है।
26 April 2024
लाल किले के उपद्रव ने कथित किसान आंदोलन की पोल खोलकर रख दी है। कृषि कानून के विरोध के नाम पर जिस तरह से कुछ सड़कछाप गुंडे राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुड़दंग मचा रहे हैं, वो किसी से छुपा नहीं है। लेकिन इन सब में राकेश टिकैत दिन प्रतिदिन अपनी सीमाएँ ...
26 जनवरी की हिंसा के बाद लगभग खत्म हो चुके तथाकथित किसान आंदोलन में जाति का दांव खेलकर नई जान फूंकने वाले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और नेता राकेश टिकैत के बारे में कौन नहीं जानता, सर्वविदित है कि वो एक फर्जी किसान हैं और अपनी राजनीतिक मंशाओं की ...
26 जनवरी के बाद तथाकथित किसान आंदोलन जब कमजोर पड़ा तो जाट की जातीय अस्मिता का कार्ड खेलकर इस अराजकतावादी आंदोलन को पुनः मजबूती देने वाले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के सियासी सफर के बारे में तो खूब बाते हो रही हैं, लेकिन कथित संघर्ष से इतर ...
किसान आंदोलन जहां धीरे धीरे अपनी अहमियत खोता जा रहा है, तो वहीं कुछ नेता अभी भी इस डूबती नैया पर टिके हुए हैं, इस आस में कि कैसे भी नैया पार लग जाए। इन्हीं में सबसे अग्रणी है किसान नेता राकेश टिकैत, जिनका दावा है कि उनका संगठन दुनियाभर ...
किसान नेता राकेश टिकैत आज की स्थिति में किसान आंदोलन का मुख्य चेहरा बन गए है। गाजीपुर बॉर्डर पर बेठे किसानों के बीच बैठ राकेश टिकैत ने इस किसान आंदोलन में अपने लिए राजनीतिक संभावनाएं तलाश ली थीं, लेकिन दिल्ली में हुई 26 जनवरी की हिंसा के बाद उनके सारे ...
दिल्ली में 26 जनवरी को लाल किले समेत सभी जगहों पर हुई घटनाओं का सारा ठीकरा एक शख्स यानी दीप सिद्धू पर फोड़ा जा रहा है। उसके खिलाफ सबसे पहले सामने आकर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने हमला बोला था, लेकिन असल में सारा खेल राकेश टिकैत ...
किसान आंदोलन के दौरान गणतन्त्र दिवस को ‘लठतंत्र दिवस’ के रूप में बदलने में यदि सबसे बड़ी किसी की भूमिका रही तो वह नाम है मशहूर पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू का। ऐसा कहा जा रहा है कि दीप सिद्धू ने ही किसान आंदोलन को लाल किला की तरफ मोड़ने को ...
किसान आंदोलन को लेकर उत्तर भारत में किसान संगठनों ने खूब उत्पात मचा रखा है। केन्द्र द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरोध में 11 दौर की सरकार से बातचीत के बावजूद किसानों का भ्रम दूर नहीं हुआ है। ऐसे में इन सभी किसान संगठनों ने तय किया है कि ये ...
संत विश्रवा के बारे में सुना है? यदि नहीं, तो आपको बताएँ कि वे एक गुणी और ज्ञानवान व्यक्ति थे, जिन्होंने आयुपर्यंत सदाचार और सद्गति के मार्ग पर लोगों को चलना सिखाया। लेकिन उनकी ये नीतियाँ उनके पुत्र पर काम नहीं आई, क्योंकि वह ज्ञानवान होते हुए भी एक अवगुण ...
भारत में कृषि कानून को लेकर पिछले कुछ महीनों में बहुत बवाल मचा था। इस बवाल की जो सबसे बड़ी उपज थी वो कृषि कानून को लेकर किसान नेताओं को बरगलाने की और इस कृषि कानून में नाकारत्मक एजेंडा फ़ैलाने में जो नाम सबसे पहले पंक्ति में आगे आया वो ...
एक प्रायोजित तरीके से लोगों को भ्रमित करके सरकार के विरुद्ध माहौल चाहे जितना भी बना लो, किन्तु उसका खुलासा एक न एक दिन हो ही जाता है। वही हुआ है किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के टिकैत भाइयों के साथ। राकेश टिकैत का दोहरा चरित्र ...
राकेश टिकैत और हार्दिक पटेल में क्या समानता है? दोनों के दोनों राष्ट्रद्रोही हैं, दोनों के दोनों को विपक्ष द्वारा मोदी सरकार को उनके सबसे चर्चित गढ़ से अपदस्थ करने के लिए तैयार किया गया था। लेकिन दोनों की हरकतें ऐसी निकली कि उन्होंने थाली में सजा के भाजपा को ...