दिल्ली दंगे: पीड़ित परिवारों को जल्द ही न्याय मिलने वाला है
कुछ जख्म ऐसे होते है, जो समय के साथ भी नहीं भर पाते है। ऐसे ही जख्म दिल्ली को दो वर्ष पहले मिले थे, जब देश-विरोध तत्वों के द्वारा राजधानी को दंगों की आग में झोंकने का काम किया। ...
कुछ जख्म ऐसे होते है, जो समय के साथ भी नहीं भर पाते है। ऐसे ही जख्म दिल्ली को दो वर्ष पहले मिले थे, जब देश-विरोध तत्वों के द्वारा राजधानी को दंगों की आग में झोंकने का काम किया। ...
देश में एक बार फिर से CAA अर्थात नागरिकता संशोधन कानून लागू करने की कवायद शुरू हो गई है। क्योंकि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि, "कोरोना की एहतियाती खुराक (बूस्टर डोज) का काम पूरा होने के ...
असम का सिलचर इस वक्त बाढ़ की भीषण तबाही से जूझ रहा है। बाढ़ ने सिलचर के लोगों के जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त करके रख दिया। 22 लाख से भी अधिक लोगों बाढ़ से प्रभावित हुए, जबकि ...
जला लो लाख राष्ट्रवाद की चिंगारी, खत्म न होने वाली यह राजद्रोह की बीमारी! यह कथन आज के परिवेश में बिल्कुल सटीक बैठता है जहां एक वर्ग विशेष राष्ट्रद्रोही को अब एक तमगे के रूप में देख रहा है ...
यासीन मलिक, कश्मीर का कुख्यात आतंकी और अलगाववादी नेता, जिसे आम भारतीय भारत का सबसे प्रमुख दुश्मन मानता है, वह कांग्रेस, वामपंथी उदारवादी मीडिया समूहों तथा लेफ्ट के कथित बुद्धिजीवियों के लिए सबसे प्रिय, आदर्श और सज्जन व्यक्ति है। ...
उमर खालिद की जमानत पर सुनवाई- विश्विद्यालय अध्ययन का केंद्र होता है, जहां छात्र-छात्राएं पढ़ने के उद्देश्य से प्रवेश लेते हैं। वहीं, JNU के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद का उद्देश्य इसके ठीक विपरीत है। देश के सबसे बड़े ...
“मुझे आज भी ढांचे के गिरने का कोई अफ़सोस नहीं है। वो मेरी इच्छा नहीं थी, परन्तु आज भी मुझे अपने किये पर कोई पश्चात्ताप नहीं। नो रिग्रेट, नो रिपेंटेन्स, नो सॉरी, नो ग्रीफ, और ढाचें का विध्वंस राष्ट्रीय ...
2017 में हुए पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अपने लिए निर्धारित लक्ष्य से खराब प्रदर्शन करते हुए मात्र 17 सीट जीती। इस बार आम आदमी पार्टी पंजाब में जीत के इरादे से उतर रही है लेकिन पंजाब ...
आप हरिगढ़ को किसलिए जानते हैं? उसके तालों के लिए? उसके निश्छल सेवक कल्याण सिंह, जिन्होंने सनातन धर्म के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया? नहीं, हरिगढ़ को दो कारणों से भारत में जाना जाता है – हरिगढ़ पर ...
अक्सर हमने देखा है कि कैसे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और जादवपुर विश्वविद्यालय जैसे संस्थान देश में विभाजनकारी तत्वों को बढ़ावा देते हैं। हमने देखा है कि, कैसे कुछ वामपंथी खुलेआम भारत को बर्बाद करने वाले व्यक्तियों अथवा संगठनों को ...
संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन का रुख धीरे-धीरे बदल चुका है। एमएसपी के मुद्दे से शुरू हुआ ये आंदोलन अब खालिस्तानी समर्थकों की अराजकता तक पहुंच गया है। ये आंदोलन अपनी मूल मांगों के स्वरूप ...
देश की राजधानी दिल्ली को CAA कानून के खिलाफ सुनियोजित तरीके से दंगों की आग में झोंकने वाला समूहों एक बार फिर सक्रिय होने लगा है। ये अराजक लोग केवल कोरोना वायरस और स्वास्थ्य कारणों की गाइडलाइंस में बंधे ...
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