'शीत युद्ध' के लिए खोज परिणाम

रूस को क्यों है भारत की जरूरत?

रूस ने हाल में ही भारतीय सेना को इग्ला-एस मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS) के पहले बैच की आपूर्ति की है। इसे ज्यादातर चीन से लगी सीमा क्षेत्रों में तैनात किया जाना है। इस सौदे ने उन धारणाओं ...

पंचशील सिद्धांत जिस पर अड़कर नेहरू ने भारत की छवि ‘एक दुर्बल देश’ के रूप में प्रस्तुत की

साल 1947 में भारत की आजादी के साथ-साथ एशिया और अफ्रीका के विभिन्न देश कई सालों की औपनिवेशिक परतंत्रता से स्वतंत्र हो रहे थे। समूचे एशिया और अफ्रीका से सूट-बूट पहनने वाले पश्चिमी लुटेरे धीरे-धीरे अपने घर की ओर ...

गोर्बाचेव की कमजोर नीतियों और ‘घटिया नेतृत्व’ के कारण हुआ था USSR का विघटन, समझिए कैसे?

'पश्चिमी देशों के नायक और अपने देश के खलनायक' सोवियत संघ के आखिरी राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव के लिए यह शब्द एकदम सटीक बैठते हैं। शीत युद्ध समाप्त करने के कारण कई देश उन्हें एक हीरो की तरह देखते आ ...

गोर्बाचेव की अनकही विरासत: जब उनके एक निर्णय का मूल्य कश्मीरियों को चुका पड़ा

सोवियत संघ के पूर्व और आखिरी राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव (Mikhail Gorbachev) इस दुनिया में नहीं रहे। मंगलवार 30 अगस्त को 91 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। मिखाइल गोर्बाचेव एक बड़े नेता था, जिन्हें विश्व के द्वारा ...

ताइवान पर आधिपत्य जमाने का सपना साकार होने से चीन अभी कोसों दूर है

अगर किसी को लगता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया की सारी परेशानियां ख़त्म हो गयी हैं और अब लड़ने के लिए किसी के पास कोई मुद्दा नहीं है तो यह बिल्कुल गलत है। अब भले ही ...

स्पेन के विदेश मंत्री की राय- नाटो को है भारत जैसे स्थिर देशों की आवश्यकता

पूरी दुनिया ही किसी न किसी तरह से एक दूसरे से जुड़ी हुई है हालांकि रणनीतिक रूप से या फिर भौगोलिक रूप से ये अवश्य ही बंटी हुई है। कुछ देश पश्चिमी ब्लॉक में बसे हैं तो कुछ पूर्व ...

अमेरिका, इज़रायल और UAE वाले पश्चिम एशियाई QUAD का नेतृत्व करने के लिए तैयार है भारत

आज दुनिया भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरते हुए देख रही है, जो हर क्षेत्र में नेतृत्व करने की क्षमता रखता है। अब पश्चिमी देशों पर अपनी पकड़ और मजबूत बनाने की दिशा में भारत ने ...

Modi@8: मोदी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय की उपलब्धियां

निर्भीकता के साथ आक्रमक राजनीति करना और उसमें सफलता प्राप्त करना पीएम मोदी का ट्रेडमार्क है। उन्होंने अपने ऊपर लगे किसी भी निराधार आरोप के लिए कभी माफी नहीं मांगी। जब वे प्रधानमंत्री बने तो लोगों को अपने राष्ट्र ...

“समर्पण करो या भुगतान करो”, चीन ने पाकिस्तान को दो विकल्प दिए हैं

पाकिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा आतंक का अड्डा है। लेकिन वर्तमान के समीकरणों को अगर समझें तो ऐसा प्रतीत होता है मानो आतंक के अड्डे में कम्युनिस्ट चीन ने अपनी पैठ जमा ली हो। चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर (CPEC) की ...

जब भारत के साथ अमेरिका के संबंधों की बात आती है तो बाइडन प्रशासन भ्रमित हो जाता है

अमेरिका हमेशा से अपनी विदेश नीति को लेकर कन्फ्यूज रहा है. भारत के प्रति उसकी गलतफहमी तुलनात्मक रूप से कुछ ज्यादा ही रही है. मुख्य रूप से भारत के मामले में अमेरिका का रवैया इसलिए गलत रहा है क्योंकि ...

मास्टरकार्ड ने रूस में कर दिया खेला अब पीएम मोदी को देना चाहिए RuPay कार्ड को बढ़ावा

महाशक्तियों का जन्म बड़े वैश्विक संगठनों के बीच होता है। जैसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और सोवियत संघ महाशक्ति बने और शीत युद्ध की खींचतान में चीन ने चुपचाप आर्थिक क्रांति को जन्म दिया। इस समय दुनिया ...

NATO और संयुक्त राष्ट्र – वैश्विक संगठन के नाम पर दो बड़े मजाक!

यूक्रेन-रूस युद्ध अपने चरम पर है। रूसी सैनिक अब यूक्रेन के क्षेत्रों के अंदर हैं और लड़ाई अब सीमा से आगे सड़कों और शहरों में लड़ी जा रही है। इस बीच, यूक्रेनियन हैरान हैं कि नाटो और संयुक्त राष्ट्र ...

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