EVM पर सवाल उठाने वालों को लगा सुप्रीम झटका।
29 April 2024
बस्तर में कैसे दम तोड़ रहा नक्सलवाद?
29 April 2024
पिछले कुछ वर्षों में, चीन की कम्युनिस्ट सरकार द्वारा दिए गए समर्थन और सब्सिडी के कारण चीन के तकनीकी क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हुई थी। लेकिन कोरोना के बाद चीन की जैसे-जैसे पोल खुलती जा रही है वैसे-वैसे अब कई देश चीन की तकनीकी कंपनियों को बैन कर रहे ...
वर्ष 2016 में अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन की “खतरनाक” व्यापार नीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाना शुरू किया था। वर्ष 2018 में इसी के कारण अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर शुरू हुई थी, और इसी ट्रेड वॉर में अमेरिका ने चीन की मेगा-टेक ...
जिस तरह से चीन ने अपने विस्तारवादी नीति को हुवावे के जरिये लागू करने की कोशिश की है, उससे सभी देश चीन और चीनी कंपनियों को अपने देश से निकालने की नीति पर काम कर रहे हैं। सभी देशों का सबसे बड़ा टार्गेट संचार कंपनी हुवावे है। हालांकि हुवावे पर ...
चीन की गुंडई केवल उसके आस-पड़ोस तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उससे अमेरिका और यूरोप के कई देश तंग आ चुके हैं। लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं, जो चीन के सामने चट्टान की भांति अड़े हुए हैं। उनके सामने चीन चाहे जो कर ले, वो अपने नीतियों से ...
अमेरिका ने पिछले एक साल में सुरक्षा कारणों का हवाला देकर चीन की हुवावे को लगभग बर्बाद कर दिया है। हालांकि, अमेरिका के इस एक्शन के बाद दुनियाभर में एक बड़ा अहम सवाल उठाया जा रहा है, और वो सवाल है कि अगर “हुवावे नहीं तो फिर कौन”? इस बात ...
यदि आपको ऐसा लग रहा है कि अमेरिका और बाकी वैश्विक महाशक्तियों की चीन पर डिजिटल कार्रवाई केवल टिक टॉक और Huawei तक ही सीमित रहेगी, तो ऐसा बिलकुल भी नहीं होगा। क्लाइनर पर्किंस की रिपोर्ट के अनुसार अब अमेरिका का अगला निशाना चीन की टेक कंपनी Tencent है, जो ...
जब भारत ने चीन की 59 एप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया था, तो लोगों को इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि भारत सरकार का यह कदम तो बस शुरुआत भर है। भारत सरकार पीएम मोदी के नेतृत्व में मानो देश को चाइना-फ्री करने का बीड़ा उठा चुकी ...
चीन की टेलीकॉम कम्पनी हुवावे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। पिछले कुछ सालों से अमेरिका दूरसंचार दिग्गज चीन की सबसे बड़ी निजी कंपनी पर जासूसी का आरोप लगा रहे हैं। कई देशों ने सुरक्षा चिंताओं को लेकर हुवावे पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब चीन ...
अभी हाल ही में अमेरिका के कम्युनिकेशन इनफ्रास्ट्रक्चर को चीनी इक्विपमेंट से मुक्त कराने हेतु अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन ने चीनी टेलीकॉम कंपनी Huawei और ZTE को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा घोषित कर दिया है। इसका अर्थ है कि अब एफसीसी से इन दोनों कंपनियों को किसी प्रकार ...
दुनियाभर में चीन के खिलाफ बढ़ते गुस्से के बीच अब दक्षिण पूर्व एशियाई देशों ने भी चीन के खिलाफ कड़ रुख अपनाना शुरू कर दिया है। दक्षिण पूर्व एशिया के कई देश पिछले कई दशकों से चीन की गुंडागर्दी को झेलते आए हैं। हालांकि, कोरोना के समय में जब चारों ...
जब पहली बार फोन मार्केट में आया था तब सभी के हाथ में एक या दो ही कंपनी के फोन नजर आते थे, या तो नोकिया या फिर Ericsson। जैसे-जैसे समय बढ़ा और चीन ने मार्केट पर कब्जा जमाया उसके बाद से ये दोनों ही कंपनियाँ प्रतिस्पर्धा में इतनी पिछड़ ...
वुहान वायरस के कारण चीन की छवि और उसके कद को ज़बरदस्त झटका पहुंचा है, और हुवावेे भी इससे अछूता नहीं है। हाल ही में 10 देशों के समूह ने यह निर्णय लिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए, पर चीन के किसी भी उत्पाद, विशेषकर तकनीकी उत्पाद को ...