COVID 19 के लिए भारत का इंट्रानेजल वैक्सीन पथ प्रदर्शक है
भारत जिसे विकासशील देश कहा जाता है वहीं भारत एक क्षेत्र में पूर्ण रूप से विकसित होने की ओर अग्रसर है। वो क्षेत्र है “औषधीय” जिसने कोरोनाकाल में भारत को नया आयाम दिया है। एक समय था जब बड़ी ...
भारत जिसे विकासशील देश कहा जाता है वहीं भारत एक क्षेत्र में पूर्ण रूप से विकसित होने की ओर अग्रसर है। वो क्षेत्र है “औषधीय” जिसने कोरोनाकाल में भारत को नया आयाम दिया है। एक समय था जब बड़ी ...
भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं और हम 76वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। देश ने आजादी का अमृत महोत्सव काफी धूमधाम से मनाया। इसके साथ ही लाल किले की प्राचीर से पीएम नरेंद्र ...
महामारी के दौरान जब एक के बाद एक स्टार्टअप फेल हो रहे थे, बड़ी-बड़ी कंपनियां नुकसान में चल रही थी, ऐसे में शायद डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म BYJU’S ही एक अकेली ऐसी कंपनी थी जो इस महामारी में मुनाफे कमा ...
कोरोना महामारी ने कई देशों की अर्थव्यवस्था को इस तरह बिगाड़ दिया कि आज भी वे देश इसके परिणाम झेल रहे हैं। हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय सरकार के वित्त विभाग, यूएस ट्रेजरी ने अपनी अर्धवार्षिक रिपोर्ट में ...
भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को जर्मनी ने मंजूरी दे दी है. पिछले लंबे समय से इस मंजूरी का इंतजार किया जा रहा था. अब इस खबर के बाद उन तमाम लोगों को बड़ी राहत मिली है, जो ...
पतन की पराकाष्ठा देखिए। राहुल बाबा पहले प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। पर उनकी प्रशासनिक अक्षमता, राजनीतिक अबोधता तथा भारतीयता के अभाव के कारण इस जन्म में उनका यह स्वप्न पूर्ण होने से रहा। जब कांग्रेसियों को लग गया कि ...
पत्रकारिता को पत्तलकारिता बना देने वाले कुछ अखबार और मीडिया समूह अपने एजेंडे अर्थात भारत विरोध से बाहर आने से रहे। टाइम्स ऑफ़ इंडिया इसका एक सबसे निकृष्ट उदाहरण है। पाकिस्तान में तख्तापलट के चलते इन दिनों पाकिस्तान ख़बरों ...
भारत में अभिनेता से राजनेता बनने वालों की एक लंबी फ़ेहरिस्त है, पर राजनीति में एक मुकाम तक पहुँच कर उसे बरकरार रख पाना सबके बस की बात नहीं है । फिर चाहे बात राजेश खन्ना की हो, या ...
रूस पर यूक्रेन के हमले के बाद नाटो देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण रूस को अपने कच्चे तेल के निर्यात में कठिनाई हो रही है। जैसे ही रूस के कच्चे तेल और नेचुरल गैस निर्यात ...
'बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफी है, हर शाख पर उल्लू बैठें हैं अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा।' लोकलुभावन वादे, झूठे आडंबरों में आकंठ डूबे अरविंद केजीरवाल के शिक्षा मॉडल को ध्वस्त करने के लिए वो स्वयं ही ...
न्यू यॉर्क टाइम्स का भ्रामक लेख NYT के प्रोपेगेंडा लेख का हुआ पर्दाफाश भारत को नीचा दिखाने में व्यस्त है चीन की कठपुतली वर्ष 1965 में रिलीज हुई डायरेक्टर यश चोपड़ा की फिल्म 'वक्त' में राजकुमार का डायलॉग बहुत ...
लिबरल ब्रिगेड, विपक्षी पार्टियां या वामपंथी विचार वाले पाखंड के अलावा एक और मामले में सबसे आगे रहते हैं और वो है क्रेडिट लेने में। जब देश में कुछ नया होता है तो इनका सबसे पहले काम होता है ...
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