वरदराजन, मस्तान, दाऊद एवं अन्य – कैसे संगठित माफिया ने मुंबई, क्रिकेट, राजनीति और बॉलीवुड को लंबे समय तक नियंत्रित किया
“चौकियां चाहे पुलिस की हो, शहर के कमिशनर लोग तो हम ही हैं....” वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई का यह संवाद उस समय का परिचायक है जब अपराध और समाज के बीच का अंतर मिट चुका था। तब ...