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एग्जिट पोल्स का विश्लेषण: तो क्षेत्रीय पार्टी बनकर रह जाएगी कांग्रेस?

Gujarat and Himachal Exit Polls: 1947 को भारत को अंग्रेजों ने स्वतंत्रता दे दी, 1952 में पहला आम चुनाव हुआ और कांग्रेस पार्टी ने देश की सत्ता पर कब्जा किया। 1952 से लेकर 1977 तक देश पर केवल कांग्रेस ...

ईसाई धर्म जैसा आज है, वैसा वो कैसे बना- तृतीय अध्याय: ‘पहला धर्मयुद्ध’

इस श्रृंखला के पिछले अध्याय में हमने देखा कि कैसे इस्लाम और बीजान्टिन के बीच टकराव ने दुनिया के भूगोल को आकार दिया। जबकि ईसाई यरूशलेम को वापस पाने के लिए लड़ रहे थे, वे 1054 ईस्वी में दो ...

कभी अंग्रेजों को कर्ज देता था, बाद में उनकी गुलामी करते हुए मर गया, जगत सेठ की कहानी

जगत सेठ: भारत में अंग्रजों के आने से पहले भारत को 'सोने की चिड़िया' कहा जाता था, ये आपने अवश्य सुना होगा परन्तु इसे सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था ? इसके पीछे कई कारण हैं। उनमें से ...

कोटा ख़त्म नहीं हुआ है

कोटा सुनते ही सबके पहले आपके दिमाग में क्या आतो होगा? जाहिर तौर पर यहां के शिक्षा संस्थान। कोटा को भारत की "कोचिंग राजधानी" भी कहा जाता है। इसे शिक्षा का काशी, कोचिंग सिटी, शिक्षा नगरी आदि नामों से ...

ईसाई धर्म जैसा आज है, वैसा वो कैसे बना- द्वितीय अध्याय : इस्लाम से ईसाइयों का परिचय

ईसाई धर्म का इतिहास: इस श्रृंखला के पहले अध्याय में हमने जाना कि ईसाई धर्म का आकार और विस्तार कैसे हुआ। रोमन साम्राज्य के दो विभाजित भागों में से पूर्वी अधिक फला-फूला। पहली सहस्राब्दी के बाद के वर्षों में ...

लता मंगेशकर और किशोर कुमार को सितारे की तरह चमकाने वाले खेमचंद प्रकाश को कितना जानते हैं आप

“गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है” ये बात ऐसे व्यक्तियों के लिए लागू होती हैं, जो निरंतर रत्नों को खोजने के लिए प्रयासरत रहते हैं। हमारे फिल्म उद्योग में भी कुछ ऐसे जौहरी हैं, जिन्होनें दिन ...

श्रद्धा हत्याकांड: भारत में डेटिंग ऐप्स की भयानक सच्चाई

आज हम एक ऐसे युग में अपना जीवन जी रहे हैं, जहां चारों ओर आधुनिकता की चकाचौंध है। बच्चे से लेकर बूढ़ा तक हर कोई इस आधुनिक युग का गुलाम बन बैठा हैं। इस युग की सबसे बड़ी या ...

CUET ने बदल दिया दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश का अंकगणित, अब बिहार और यूपी बोर्ड मार रहे हैं बाज़ी

आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि जो प्रतिभाशाली है वो तो कीचड़ में भी कमल समान खिल उठेगा। जहां पहले थकाऊ भर्ती प्रक्रिया, लंबी कतारें, कोटा सिस्टम, आरक्षण और नेताओं की सिफारिशों ने दिल्ली विश्वविद्यालय में सामान्य ...

अघोरियों की रहस्यमयी और अज्ञात दुनिया

“....काल भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का”, ये केवल एक नारा नहीं, एक विचार है, जिसमें एक संस्कृति समायी हुई है। कुछ को इनमें शैतान दिखता है, तो कुछ को देव। परंतु एक बात तो स्पष्ट ...

चित्रकूट से चित्तौड़ बने नगर में बप्पा रावल ने कैसे भरी शक्ति, जानिए इसके पीछे का इतिहास

हर नगर की स्थापना के पीछे की एक कथा होती है और भारत में कथाओं का ऐसा अनंत भंडार है जिसका कोई हिसाब नहीं है। हर नगर का अपना भव्य इतिहास है और ऐसा ही एक नगर है चित्रकूट। ...

गुजरात, हिमाचल में भाजपा की जीत के लिए पूरी ताकत लगा रही है कांग्रेस

गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल अपने चरम पर है और सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी शक्ति के साथ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ...

अमर चंद बांठिया- 1857 की क्रांति के ‘भामाशाह’ के बारे में कितना जानते हैं आप?

देश की आजादी हेतु संघर्ष में हमारे वीरों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व अपर्ण कर दिया और हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए। इनमें कई ...

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