अच्छा तो अरविंद केजरीवाल आज कल इसलिए चुप बैठे हैं!
आजकल भारतीय राजनीति में मानो भूचाल सा आ गया है। भूचाल इसलिए की जिस तरह के विधवा विलाप और मार के भागो राजनीति का इस्तेमाल 2011 से हम भारतियों को झेलने की आदत पड़ चुकी है, उस आदत का ...
आजकल भारतीय राजनीति में मानो भूचाल सा आ गया है। भूचाल इसलिए की जिस तरह के विधवा विलाप और मार के भागो राजनीति का इस्तेमाल 2011 से हम भारतियों को झेलने की आदत पड़ चुकी है, उस आदत का ...
जब बात काँग्रेस के विध्वंस की हो, और ‘काँग्रेस मुक्त भारत’ के सपने को पूरा करने की हो, तो यह अवश्यंभावी की हम उस मनुष्य को याद करें, जिसने इस सुनहरे अभियान की नींव रखी थी। आज कोंग्रेसियों की ...
एनडीए सरकार के तीन सालों में एक बात तो साफ है, मीडिया के प्रपंचों को रोकने में भाजपा को कोई सफलता नहीं मिली है। हर बार, बारंबार, इनहोने मीडिया में फैले इनके खिलाफ विष को हटाने के लिए अपने ...
काफी गहमागहमी के बाद, दोनों सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष ने आखिरकार जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये। एक लगभग गुमनाम उम्मीदवार के तौर पर बिहार के पूर्व राज्यपाल श्री रामनाथ कोविन्द के ...
2015 में भारत को असहिष्णु की उपाधि दिलाने में असफलता पाने के बाद अब सारी जुगत भिड़ाई जा रही है की भारत को ‘लिंचिस्तान’ के तौर पर चित्रित करे, वो भूमि जो उसके अल्पसंख्यकों के लिए असुरक्षित है! एक ...
इस शुक्रवार, जमात उल विदा के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में अनुपस्थित रहकर नरेंद्र मोदी लगातार तीसरे साल इस इफ्तार पार्टी में अनुपस्थित रहे हैं। पर इस साल, नज़ारा कुछ और ही था, क्योंकि इस बार ...
दुनिया में ये एक आम रीति है की शहरों, सड़कों और इलाकों को प्रसिद्ध लोगों के नाम देना, पर कभी भारत आइये, यहाँ तो अजब ही लीला है। यहाँ कई भारतीय शहरों के नाम लुटेरों, बलात्कारियों, सामूहिक हत्यारों के ...
हाल ही में प्रकाशित मीडिया रेपोर्टों के अनुसार गृह मंत्रालय आतंकियों और अलगाववादियों के खिलाफ अपने युद्ध को अगले स्तर तक ले जाने को तैयार है। इसी उपलक्ष्य में केंद्र सरकार एक नई सोश्ल मीडिया नीति की घोषणा करेगी, ...
बिहार में सम्पन्न 2015 के चुनाव में नया मोड आ गया था। 2014 के बाद पहली बार बीजेपी को किसी बड़े राज्य के विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा। जिस मोदी शाह की जोड़ी ने बीजेपी को लोकसभा ...
चाणक्य से कालजयी राजनीतिज्ञ शायद ही इस दुनिया में कहीं पैदा हुआ होगा। जब उन्होने यह कहा था ‘बाहरी शत्रु से सीमा की सुरक्षा सरल है, परंतु अगर सीमा के अंदर देशद्रोही हो, तो कोई भी आपके देश को ...
एक बार फिर मोदी–शाह की गूगली ने अपने फैसले से सब को चौंका दिया क्योंकि पिछले 5 महीने के भीतर-भीतर मोदी-शाह का यह दूसरा सबसे बड़ा फैसला है। इसके पहले योगी आदित्यनाथ को अचानक से मुख्यमंत्री घोषित कर सभी ...
एक अप्रत्याशित दांव खेलते हुये नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जुगलबंदी मीडिया हाउस और सम्पूर्ण विपक्ष की बोलती बंद करने में एक बार फिर सफल रही है। जब मीडिया अपने ही विचारों और सिद्धांतों की पोटली बना राष्ट्रपति ...
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