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भ्रष्टाचार उन्मूलन के बाद मोदी विपक्ष से एक और बड़ा मुद्दा छीनने वाले हैं

जिस दिन से ये देश आजाद हुआ है आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों में सबसे पहला स्थान 'रोटी, कपड़ा और मकान' का ही रहा है। विभिन्न राजनैतिक पार्टियों ने इस जरुरत को सदैव भुनाया है और इसके दम ...

सुशील मोदी यूहीं भाजपा के बोझ नहीं कहलाते हैं

कुछ ही दिनों पहले सोशल मीडिया पे एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें दो स्कूली छात्र एक तीसरे छात्र को बुरी तरह से पीट रहे थे। यह वीडियो बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित केंद्रीय विद्यालय का था, वीडियो ...

आखिर प्रशांत किशोर बिहार के हैं कौन?

प्रशांत किशोर, ये शख्स बिहार की राजनीति का एक जाना-माना चेहरा बन चूका है, प्रदेश का बच्चा-बच्चा इन्हें जानता है, पहचानता है। कोई बड़े नेता नहीं हैं ये, कोई समाज सुधारक भी नहीं हैं, नहीं-नहीं कोई अपराधी भी नहीं ...

क्यों झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर ने लगायी नितीश बाबू को झाड़ ?

अक्सर हमने देखा होगा, हमारे अड़ोस-पड़ोस में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके घरों में रोज कलह होती है, परिवारजनों के बीच मनमुटाव रहता है मगर फिर भी वो दूसरों के घरों की बातों पे टिपण्णी देते हैं, हर ...

भारतीय राजनीति के बहुचर्चित सेक्स स्कैंडल्स

वैसे तो हमारे देश की राजनीति में हाल के वर्षों में काफी परिवर्तन हुए हैं, कई मामलों में राजनेता और भी जिम्मेदार हुए हैं। सोशल मीडिया के कारण लोग भी जागरूक हो रहें हैं और सरकार तथा नेताओं से ...

शिवपाल बनाम अखिलेश – क्या चाचा भतीजा सच में लड़ रहे हैं?

बड़े- बुजुर्ग कह गए हैं कि एक आदर्श परिवार वही होता है जिसके सदस्य स्वयं का स्वार्थ त्याग करके परिवार में आपसी सदभाव को बनाये रखतें हैं, अगर सदस्यों पे स्वार्थ हावी हो गया तो परिवार में मतभेद और ...

क्या मायावती भूल गयी हैं की ‘महिला विरोधी’ भाजपा ने ही बचाई थी उन की जान?

यूपी की राजनीति में आजकल बवाल मचा हुआ है, आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, एक-दूसरे को सामूहिक मंच से गालियां बकी जा रही हैं, बलात्कार जैसे मामलों पे संवेदनहीन टिप्पणियाँ हो रही हैं। सारा हो-हल्ला उस समय शुरू हुआ ...

बारह साल के बच्चियों की बोली लगाने वाली बसपा की घिनौनी राजनीति

आज कल की मीडिया कालिख से ढके उस तवे की तरह है जिसका असली रंग तब तक नहीं दीखता जब की उसे अच्छी तरह से खुरच खुरच के साफ़ नहीं किया जाए. ठीक वैसे हीं, आज कल जितनी भी ...

गाली गलौच से ही आएगी क्रांति, ऐसा मेरा नहीं मायावती जी का मानना है

'गाली', ये शब्द उन घृणित शब्दों को सभ्य भाषा में बतलाने के लिए प्रयोग किया जाता है जो अपमान-सूचक हैं। गाली लगभग हर कोई देता है, कोई खुल्लम-खुल्ला, कोई छुप-छुपाकर। हमारे सभ्य समाज में गाली को घृणित भाव से ...

आसमान का सीना चीर के आ गए, धरती की छाती फाड़ के आ गए – मेरे बब्बर-मसूद आ गए

मित्रों, राजनीति और नौटंकी का चोली दामन का साथ है। अजी यह न हो, तो जैसे दाल में नमक नहीं, गाड़ी में पेट्रोल नहीं, या यूं कहें, राजनीति में जान नहीं। पिछले पाँच छह सालों से राजनीति ने अनुसरण ...

उत्तर प्रदेश चुनाव 2017: किसमे कितना है दम ?

जैसा मैं हमेशा से कहता हूँ उलझा हुआ उत्तर प्रदेश, इतना उलझा कि बड़े-बड़े चुनावी विश्लेषकों को यहाँ के मतदाताओं का मूड समझ में नहीं आता। उत्तर प्रदेश सभी राजनीतिक दलों के लिए चुनौती रहा है, चाहे वो राष्ट्रीय ...

भाजपा का कैबिनेट विस्तार क्यों इस पार्टी की नींदें उड़ा रहा है?

स्मृति ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अपेक्षा एक कम महत्वपूर्ण मंत्रालय कपडा मंत्रालय भेजना इस हफ्ते की बड़ी घटनाओं में से एक थी, जब ५ जुलाई को मोदी सरकार ने बड़े राजनैतिक उलटफेर करते हुए 19 नए ...

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