पत्नी की संपत्ति में पति का कोई हक नहीं- सुप्रीम कोर्ट
26 April 2024
जो दर्द भारत ने झेला अब अमेरिका झेला रहा है।
26 April 2024
आपके व्यक्तित्व की चमक अक्सर आपकी भाषा शैली,सादगी, निडरता एवं दृढ निश्चयिता से झलकती है| जब भी आप किसी गलत कार्य एवं समाज में व्याप्त कुरीतियों के विरोध में अपने स्वर ऊँचें करते है उस समय जनता को एकजुट करने के लिए आपको इन महत्वपूर्ण बिंदुओंपर अत्यधिक कार्य करना होता ...
विश्व के सबसे बड़े पांच धर्म हैं हिंदू धर्म, ईसाइयत, इस्लाम, बुद्धिज़्म और जुडिस्म (यहूदी धर्म)। इन सभी धर्मो को अधिकारिक रूप से मानने वाला कोई ना कोई देश अवश्य है। अर्थार्त इन देशों ने अपने संविधान में अपना एक राष्ट्रीयधर्म (state religion) माना है। जैसे कि:- #ईसाइयत: इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, ...
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की खुदकशी मामले में जस्टिस अशोक रूपनवाल कमेटी ने जांच रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है। प्रमुख समाचारपत्र जनसत्ता ने लिखा कि “रूपनवाल ने रोहित वेमुला की जाति की भी विस्तृत पड़ताल की। उन्होंने रिपोर्ट में 12 पन्नों के अपने निष्कर्ष में चार ...
मानवीय गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ज़रूरी माना गया हैं. नागरिकों के नैसर्गिक अधिकारों के रूप में उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं को संरक्षित करना, ताकि मानव के व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास हो सके और उनके हितों की रक्षा हो सके, इसके लिए भारत सहित विश्व के ...
यूपी की राजनीति में आजकल बवाल मचा हुआ है, आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, एक-दूसरे को सामूहिक मंच से गालियां बकी जा रही हैं, बलात्कार जैसे मामलों पे संवेदनहीन टिप्पणियाँ हो रही हैं। सारा हो-हल्ला उस समय शुरू हुआ जब उत्तर प्रदेश भाजपा के तत्कालीन उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मायावती ...
आज कल की मीडिया कालिख से ढके उस तवे की तरह है जिसका असली रंग तब तक नहीं दीखता जब की उसे अच्छी तरह से खुरच खुरच के साफ़ नहीं किया जाए. ठीक वैसे हीं, आज कल जितनी भी खबरें आती हैं, उनकी कई परतें होती हैं और जब तक ...
जैसा मैं हमेशा से कहता हूँ उलझा हुआ उत्तर प्रदेश, इतना उलझा कि बड़े-बड़े चुनावी विश्लेषकों को यहाँ के मतदाताओं का मूड समझ में नहीं आता। उत्तर प्रदेश सभी राजनीतिक दलों के लिए चुनौती रहा है, चाहे वो राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी या कांग्रेस हो, चाहे वो क्षेत्रीय पार्टी सपा और ...
बालकाल की तीन प्रमुख प्रवृतियाँ होती हैं। बवाली प्रवृति, सवाली प्रवृति और कव्वाली प्रवृति । बचपन में हरेक बालक में इन तीनो में से एक न एक प्रवृतियाँ अवश्यमभावी रूप से पायी जाती हैं। अरविन्द केजरीवाल के अल्प राजनितिक कैरियर पर एक सरसरी निगाह डालने से यह साफ़ झलक जाता ...
यह लगभग तय माना जा सकता है कि अगले साल से संसद के बजट सत्र में रेल बजट का कोई नमो-निशान ही ना रह जाए। जैसा की पिछले कई वर्षो से चली आ रही चर्चाओं पे गौर करें तो यह साफ समझ में आ जाता है की रेल बजट लोकलुभावन ...
कल शाम को कानपुर की कोचिंग नगरी काकादेव इलाके से गुज़रा और IIT परीक्षा में उत्तीर्ण हुए छात्रो का नाम बड़े बड़े पोस्टर्स और बैनर्स पर देखा। अच्छा लगा। फिर घर आया और किसी टीवी चैनल पर कोटा को देश की आत्महत्या राजधानी के तौर पर संबोधित होता पाया। कोटा ...
कल नयी दिल्ली में 4 दिवसीय विश्व सूफी मंच की शुरुआत हुई । प्रधानमंत्री ने भी विश्व सूफी मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और उसी गलती करने वालो की फेहरिस्त में भी अपना नाम दर्ज करवाया जो सच नहीं अपना पाते । मोदीजी ने अल्लाह के 99 नाम गिनाये, ...
वामपंथ ही आधुनिक युग का ब्राह्मणवाद है बचपन से ही हम पढ़ते आ रहे हैं कि सदियों पहले से भारत एक ऐसा भू-खंड रहा है जो अपने प्राकृतिक संसाधनो एवं जलवायु विविधता कारण विदेशियों को आकर्षित करता रहा है | इसकी प्रारम्भिक कल्पना ही ऐसे तृतीय-विश्व साम्राज्य के तौर पर ...