BYJU’S लगभग दिवालिया हो चुका है
“सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं” ये कथन निरंतर हमने सुना है, परंतु एक संस्था के कारनामे इसे किस तरीके से हमें बताएगा किसी ने नहीं सोचा था। BYJUs कहने को एक शैक्षणिक व्यवस्था में ‘क्रांति’ है, लेकिन ...
“सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं” ये कथन निरंतर हमने सुना है, परंतु एक संस्था के कारनामे इसे किस तरीके से हमें बताएगा किसी ने नहीं सोचा था। BYJUs कहने को एक शैक्षणिक व्यवस्था में ‘क्रांति’ है, लेकिन ...
यूँ तो आपने भारत के बहुत से ऐसे बडें-बड़े बल्लेबाजों के नाम जैसे सचिन, कोहली, धोनी सुने होंगे, जो अपने बल्लों से पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की बॉलिंग लाइनअप की बक्कियाँ उधड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है लेकिन जब ...
आपातकाल लगाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तानाशाही के दम पर देश के संविधान में एक शब्द जोड़ा था, सेकुलरिज्म... और आज यह शब्द देश के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गया है। वामपंथियों की स्वीकारोक्ति पाने ...
एक कौशल जो किसी भी व्यवसाय के लिए मौलिक जान पड़ता है, वह है लोगों की आवश्यकताओं या रुचियों को हथियाना और उनका उपयोग करके अपने व्यवसाय के लिए लाभ का बंदोबस्त कर लेना। डिजिटलीकरण के आधुनिक युग में ...
भाषा लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का माध्यम बनती है, भाषा हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमारे विचारों को एक ढांचे में पिरोती है और हमारी भावनाओं को दूसरों के साथ साझा करने का भी ...
मुस्लिम अल्पसंख्यकों लिए बीते 8 सालों में निर्णयों से कोई अनभिज्ञ नहीं है। तीन तलाक जैसी कुरीतियों से निजात दिलाने से लेकर सिविल सेवा की तैयारियों की कोचिंग देने से लेकर ऐसे कई काम हैं जो प्रमुख रूप से ...
भूमि अधिग्रहण बिल, नागरिक संशोधन अधिनियम और तीन कृषि कानून... ये मोदी सरकार के कुछ ऐसे बिल अथवा कानून हैं जो कि भीड़तंत्र और झुंड में विपक्ष के विरोध के कारण ठंडे बस्ते में हैं। ऐसे में सरकार विरोधियों ...
अग्निपथ योजना का हाल कृषि कानून जैसा कतई नहीं होगा कुछ लोगों को ऐसा प्रतीत होता है कि यदि वे तनिक आगजनी करेंगे, उपद्रव मचाएंगे, और नौटंकी करेंगे, तो वे सरकार को डरा धमकाकर अपने इशारों पर नचवा पाएंगे। ...
देश के एक वर्ग ने तो अपना एजेंडा ही यह बना लिया है कि सरकार द्वारा कोई भी योजना लाई जाएगी तो वो इसका विरोध जरूर ही करेंगे। पहले नागरिकता संशोधन कानून बिल, फिर कृषि कानून और अब अग्निपथ ...
सत्ता प्राप्ति किसी भी राजनीतिक दल का वो लक्ष्य है, जिसकी प्रतीक्षा में उसके कार्यकर्ता आधा हो जाते हैं पर सत्ता मिलते ही मानों वर्षों पुरानी इच्छा पूरी हो गई हो ऐसा प्रतीत होता है। वर्ष 2014 के बाद ...
वामपंथी सोच से पोषित कुछ राजनीतिक दल और उनके नेताओं के लिए Everything Progressive is Regressive होता है, ऐसा इसलिए क्योंकि अब देश में सरकार उनके मन मुताबिक नहीं है। उनकी दुःख की सीमा ख़त्म होने का नाम नहीं ...
भारतीय क्रिकेट आज उस दौर से गुजर रहा है जहां उसके खिलाड़ी तो खिलाड़ी कोच भी द्वंद्व में शामिल रहते हैं। ऐसा ही एक प्रकरण पूर्व स्पिनर और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच अनिल कुंबले और विराट ...
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